यूसीसीआई में पर्यावरण प्रबन्ध योजना पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
उदयपुर। खान एवं भू विज्ञान विभाग तथा उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसमें खान एवं भू विज्ञान विभाग के निदेशक डीएस मारू ने कहा कि पर्यावरण को लेकर आज एनजीओ, प्राधिकरण एवं न्यायालय भी अतिसक्रिय हैं।
मारू ने बताया कि खनन हेतु अनुमति प्रदान करने से पूर्व जन सुनवाई की प्रक्रिया अपनाई जाती है। मिनरल उत्खनन आवश्यरक है। कतिपय व्यक्तियों द्वारा जन सुनवाई के दौरान प्रायः अनावश्ययक रूप से खनन का विरोध किया जाता है। मारू ने सुझाव दिया कि ऐसी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। जिससे खानें भी चलती रहे, रोजगार भी मिले, पर्यावरण की न्यूनतम हानि हो एवं सरकार को राजस्व भी प्राप्त हो। मारू ने कहा कि ज्यादा सख्त कानून बनाने से कोई भी उद्यमी खान आवंटन हेतु आगे नहीं आयेगा जिससे अवैध खनन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा अतः नियमों का सरलीकरण आवश्येक है।
समापन सत्र का संचालन करते हुए खान एवं भू विज्ञान विभाग के अधीक्षण अभियन्ता मधूसूदन पालीवाल ने इस प्रषिक्षण षिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से विचार आमंत्रित किये। समापन सत्र के प्रारंभ में विभिन्न उद्योगो तथा खान एवं भू विज्ञान विभाग से आये प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। हैदराबाद के इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज के विशय विशेषज्ञ चिरंजीव चौधरी ने प्रतिभागियों से छोटे खनन उद्यमियों को पर्यावरण सम्बन्धी नियमों के प्रति जागरूक रहने का आव्हान किया। यूसीसीआई के अध्यक्ष विनोद कुमट ने धन्यवाद दिया। खान एवं भू विज्ञान विभाग, के निदेशक डीएस मारू तथा खान सुरक्षा महानिदेशालय के उप महानिदेशक बीपी आहुजा द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए।