उदयपुर. गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा गीतांजलि हॉस्पिटल में आयोजित कार्यशाला के पहले दिन ’संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा’ विषय देश के विभिन्न मनोचिकित्सकों ने विचार व्यक्त किए।
कार्यशाला का शुभारंभ प्रातः 10 बजे सरस्वती प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन कर हुआ। आरंभ में आयोजन अध्यक्ष गीतांजली हॉस्पिटल के मनोरोग विभाग के डॉ. डीएम माथुर ने सभी प्रशिक्षकों और संभागियों का स्वागत किया और बताया कि इस दोतरफा कार्यक्रम में एक संभागी से पूछने पर कहा कि अब तक की उपचार विधि के बारे में अल्प ज्ञान रहा है लेकिन ऐसी कार्यशाला के उपरांत वे अधिक से अधिक अवसाद व घबराहट वाले रोगियों का उपचार करने में अनुभवी हुए हैं और सफलतापूर्वक उपचार प्रदान कर सकेंगे।
मुख्य वक्ता प्रशिक्षणार्थ बैंगलूरू के राष्ट्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (निम्हाँस) के क्लीनिकल साइकोलोजी एवं व्यवहार चिकित्सा के विभागाध्यक्ष डॉ महेन्द्र प्रसाद शर्मा ने संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा के विभिन्न प्रकारों व विधियों पर अपने भाषण, वीडियो फिल्म एवं प्रश्नोत्तरी से प्रकाश डाला। चिकित्सकों ने आभासी रोगियों की समस्या प्रतिभागियों के सम्मुख रखकर उनका विश्लेषण किया और उनकी उपचार विधियां जानी। यह कार्यक्रम दो तरफा था जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी समस्या बताकर उपचार जाने। इस कार्यक्रम के संयोजन सचिव डॉ जितेन्द्र जिंगर ने धन्यवाद दिया।