आज से पीछे बैठने वाले के लिए भी हेलमेट जरूरी
पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि की निंदा
उदयपुर। राज्य सरकार के आदेशों की पालना में जहां सभी संभागीय मुख्यालयों पर एक मई से दुपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले के लिए भी हेलमेट जरूरी हो गया वहीं उदयपुर जिला कलक्टर के नो हेलमेट-नो पेट्रोल के आदेश को न्यायालय ने निरस्त कर दिया। उधर पेट्रोल व डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी की कांग्रेस ने कड़ी निंदा की।
उदयपुर में हालांकि तीन साल से दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य है लेकिन अब तक पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है। पुलिस ने पहले समझाईश की फिर सख्ती की। आज से दुपहिया वाहन के पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है। पुलिस पन्द्रहह दिन तक समझाईश करेगी फिर सख्ती बरती जाएगी।
उधर जिला कलक्टर आशुतोष एटी पेंडणेकर के पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं देने के आदेश को निरस्त कर दिया। त्रिलोक मेहता ने अपने अधिवक्ता सुंदरलाल मांडावत के जरिये स्थानीय न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई करते हुए आज न्यायाधीश पंकज भंडारी ने कहा कि धारा 133 सीआरपीसी के तहत जिला कलक्टर ऐसे आदेश नहीं दे सकते। पेट्रोल पंप निजी संपत्ति है और वहां वाहन बंद रहता है।
दामों में वृद्धि की निंदा
पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नीलिमा सुखाड़िया, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया, दिलीप सुखाड़िया, उपाध्यक्ष शंकर भाटिया, महामंत्री दिनेश दवे, सचिव रंजना साहू आदि ने बयान में कहा कि जिस तरह से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं, इतने पूर्व में एक साथ कभी नहीं बढ़े, देश की जनता महंगाई से त्रस्त है। किसान बारिश की वजह से हुए नुकसान से दुःखी है। आत्महत्याएं कर रहे हैं, सरकार में बैठे नेताओं का देश की जनता के हितों से और देश के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। यह जनता को अच्छे दिनों का सब्जबाग दिखाकर सत्ता में आए और आज देश की जनता सिर्फ एक साल में इनके कारनामों से त्रस्त है।