उदयपुर। रणथम्भौर के बाघ टी-24 ’उस्ताद’ को शनिवार देर रात सज्जनगढ़ बायॉलोजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया। रणथम्भौर से अभ्यारण्य टीम द्वारा उसे विशेष कंटेनर में उदयपुर लाकर छोड़ा गया।
बाघ टी-२४ को लेकर टाइगर प्रोजेक्ट रणथम्भौर के सीसीएफ सुदर्शन शर्मा शनिवार को विशेष कंटेनर से उदयपुर रवाना हुए। इसके लिए बॉयोलोजिकल पार्क में एनक्लोजर तैयार करने के निर्देश भी वन अधिकारियों को दिए गए थे। देर रात बाघ टी-24 बॉयोलोजिकल पार्क पहुंचा। उदयपुर लाया गया बाघ टी-24 अभी नौ साल का है। वर्ष २००६ में बाघिन टी-22 ने उसे जन्म दिया था। इसके बाद इसका नामकरण ’उस्ताद’ किया गया था। रणथम्भौर अभ्यारण्य में आठ साल का नर टी-24 पिछले दिनों आक्रामक हो गया था। पिछले दिनों इसने दो फॉरेस्ट गार्डों पर हमला किया था जिनमें से एक की उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
रणथम्भौर में इसकी टेरीटेरी फोर्ट के पास थी और इस क्षेत्र में लोगों का मूवमेंट अधिक होने से इसे शिफ्ट करना बेहद जरूरी हो गया था। वन एवं पर्यावरण मंत्री ने इस संबंध में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी के सदस्य सेकेट्री बी.एस. बोनाल को पत्र भेजकर इसे उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयालोजिकल पार्क में सेफ जोन बताते हुए यहां शिफ्ट करने का सुझाव दिया था। इसके साथ ही उदयपुर के इस बॉयालोजिकल पार्क में नर बाघ मोनू की पिछले माह मौत होने के बाद नर टाइगर की जरूरत महसूस की जा रही थी। ’उस्ताद’ के आ जाने से बाघिन को साथी की जरूरत भी पूरी हो गई।
बाई रोड भेजा गया उस्ताद को : एनटीसीए से मंजूरी मिलने के बाद शनिवार सुबह ग्यारह बजे आसपास बाघ टी-24 उस्ताद को ट्रंकोलाइजर कर गुपचुप तरीके से बाई रोड उदयपुर के सज्जनगढ़ बायलोजिकल पार्क में भेजा गया। इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों से बात करनी चाही तो शाम तक उनके मोबाइल बंद थे। एनटीसीए से गुरुवार को टी -24 अन्यत्र शिफ्ट करने के आदेश मिल चुके थे। उसके बाद से ही वन विभाग के अधिकारी बाघ की बराबर ट्रेकिंग कर रहे थे।