नेतृत्व विकास में संवाद की भूमिका विषयक वार्ता
उदयपुर। मेक्सप्रो एज्यूकेशन फाउण्डेशन की निदेशक पूनम मेहता व्यास ने कहा कि आइकन के रूप में व्यक्ति मरता है लेकिन देश, समाज, कारोबार को नेतृत्व देने वाला व्यक्ति कभी नहीं करता, क्योंकि वह बेहतर संवाद के जरिये जनता के दिलों में राज कर उन्हें हमेशा दिशा देता रहता है।
वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा नेतृत्व विकास में संवाद की भूमिका विषयक आयोजित वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि एक सफल लीडर हमेशा अपने उद्देश्य को अपने से आगे रखता है और उसके अनुयायी उसका अनुसरण कर उस उद्देश्य को पूरा करते है। एक लीडर में तीन गुणों संवाद में प्रभावीकता की उर्जा का संचार, लोगों में विश्वास पैदा करना एंव इन्टेनशन की एनर्जी का होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य समाज से दूर होता है,ऐसे में एक लीडर ही उसे पुन: समाज से जोड़ता है। धरती पर सही प्रबन्धन के लिए भगवान श्रीकृष्ण का अध्ययन करना चाहिये कि उन्होनें किस प्रकार एक सफल लीडर से सभी को एक साथ जोड़े रखा था। समाज व देश को नेतृत्व देने वाला व्यक्ति काफी प्रभावी होता है। किसी भी व्यक्ति के विचारों को परिवॢतत कर उसे अच्छे कार्यो मे लगा सकते हैं। मेहता ने कहा कि एक लीडर के पास सफल नेतृत्व देने के तीन मोर्चे, कम्यूनिकेशन कल्चर इन द ऑर्गेनाईजेशन, बदलते समय अनुशासन के नियमों में बदलाव आवश्यक तथा लीडरशिप के कम्यूनिकेशन में बदलाव, होते है। एक लीडर के पास भाषा पर कमाण्ड, विशालकाय शब्दकोष, शब्दों का सही चयन तथा इन्टेनशन की ईमानदारी का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक सफल नेतृत्व क्षमता तभी प्रभावी होती है जब उसके द्वारा किया गया कैसे व कब किया गया संवाद क्या वह वॉव में परिवर्तित हो रहा है या नहीं, उस पर निर्भर करता है। जमाना कस्टमर सेटिसफेक्षन से कस्टमर डेटलाईन की ओर परिवर्तित हो रहा है और यह संवाद से ही संभव हो पाया है।
प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष डॉ. बीएल सिरोया ने बताया कि इसी सत्र में 30 जून से पूर्व सेवा भारती में रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा निर्मित कराया जा रहा रोटरी आई केयर यूनिट प्रारम्भ हो जाएगी। इस यूनिट की स्थापना के लिए गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने विधायक मद से 10 लाख रुपए दिए थे। इस अवसर पर पदम दुगड़ ने मेहता का परिचय दिया जबकि प्रान्तपाल मनोनीत रमेश चौधरी ने सौरव व्यास को तथा इन्दिरा धींग ने मेहता को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। प्रारम्भ में श्रीमती प्रभा डूंगरवाल ने ईश वदंना प्रस्तुत की।