उदयपुर. गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर के कैंसर सेंटर के रेडियेशन ऑन्कोलाजिस्ट डॉ. शंकर द्वारा गले में कैंसर की गांठ को एक्सट्राक्रेनियल रेडियोसर्जरी द्वारा ठीक कर तीन साल से पीड़ित 74 वर्षीय रोगी को न केवल असहनीय दर्द से छुटकारा दिलाया, बल्कि उसे जीवनदान दिया।
रेडियेशन ऑन्कोलाजिस्ट डॉ. शंकर ने बताया कि उदयपुर निवासी रोगी खुशीचंद श्रीवास्तव (परिवर्तित नाम) 3 वर्षों से खांसी व चावल नहीं खा पाने से परेशान थे। वे इसकी जांच के लिए अहमदाबाद गए जहां बायोप्सी में उन्हें पता चला कि उन्हें गले में कैंसर की दो गांठ है। इसके बाद कुछ समय पूर्व उनकी दिक्कत और बढ़ने लगी जब उनकी आवाज़ बदलने लगी, तब उन्हें गीतांजलि हॉस्पिटल लाया गया, जहां उन्होंने कैंसर विभाग के डॉ सचिन अर्जुन जैन से उनकी प्रारम्भिक जांचे करवाई तो पता चला कि एक और गांठ हो गई है, जो आवाज़ नली को दबा रही है जिसके कारण आवाज़ में बदलाव आ रहा था। चूंकि गांठ धमनियों के करीब थी इसलिए सर्जरी नहीं की जा सकती थी तो इसके चलते उन्होंने रेडियेशन ऑन्कोलाजिस्ट डॉ. शंकर को रेफर किया तथा इसके बाद डॉ शंकर द्वारा रोगी को 1 हफ्ते में कुल 1 मिनट में धमनियों को बचाते हुए स्टिरीयोटेक्टीक रेडियोसर्जरी दी जिससे अब वे स्वस्थ है और उनकी आवाज़ भी पहले जैसी वापस हो गई है। उन्होंने बताया कि यह सर्जरी ज्यादातर 7 हफ्तों में होती है लेकिन इस मामले में एक हफ्ते में हो गई तथा रेडियोसर्जरी इसलिए दी गई क्योंकि सर्जरी नहीं की जा सकती थी। उन्होंने यह भी बताया कि यह सर्जरी गला व नाक के अलावा फेंफड़ों, यकृत, प्रोस्टेट व अग्नाशय में भी दी जा सकती है। यह सर्जरी रक्तहीन व बिना चीरे के हो गई। रोगी ने बताया कि 3 वर्षों के दर्द के बाद रेडियोसर्जरी द्वारा इलाज से अब वे पूर्णतया स्वस्थ है, उनकी आवाज़ भी लौट आई है।