नागरिकों के सहयोग से ही झीलों की सुंदरता
उदयपुर। रंगसागर व स्वरूपसागर में खुली नालियो से सीवरेज व बरसाती गंदे पानी के प्रवाह से पिछोला में गन्दगी की उल्टी गंगा बहनी प्रारम्भ हो गई है। रंगसागर से गंदा पानी अब अमरकुंड की दीवार फांद कर पिछोला में समां रहा है।
ये विचार रविवार को झील मित्र संस्थान , झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रमदान संवाद में व्यक्त किये गए। झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि मानसून में बड़ी -फतहसागर जल मार्ग सहित छोटे तालाबों में जल आवक मार्गो को सुधार मूल हालात में लाना जरुरी है। झील मित्र संस्थान के अध्यक्ष तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि प्रशासन के दौरे व हाई कोर्ट के निर्देशो के बावजूद झीलों की सफाई व स्वच्छता में सुधार नहीं होना अफ़सोस जनक है। डॉ. मोहन सिंह मेहता ट्रस्ट के सचिव नन्द किशोर शर्मा ने प्रशासन से आग्रह किया कि वो झील संरक्षण के मूल मुद्दो जैसे सीमाओ की बहाली,जल गुणवत्ता सुधार व जैव विविधता पुनर्स्थापना के लिए नागरिको का सहयोग ले। नागरिको के सहयोग से ही झीलों की सुंदरता बढ़ेगी।
श्रमदान पूर्व बारीघाट व अमरकुंड पर झील मित्र संस्थान , झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रमदान द्वारा जलकुम्भी,जलीय घास,शराब की बोतले,पोलिथिन,घरेलु बेकार सामान,सडी गली खाद्य सामग्री,नारियल आदि झील से बहार निकाले। श्रमदान में रमेश चन्द्र राजपूत, अम्बालाल नकवाल,रामलाल गेहलोत,दुर्गाशंकर पुरोहित,गरिमा कुमावत,प्रियांशी,हर्षुल,कुलदीपक पालीवाल, तेज शंकर पालीवाल, अनिल मेहता,नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।