उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शिल्पग्राम आयोजित ‘‘वुड स्कल्पचर वर्कशॉप में उदयपुर आये मूर्ति शिल्पकारों ने काष्ठ को अपनी कल्पनाओं के अनुरूप ढाल कर नाना रूप प्रदान किये हैं। कार्यशाला का समापन गुरूवार को होगा।
सृजन को बढ़ावा देने तथा विभिन्न माध्यमों से नव सृजन के लिये आदर्श वातावरण का निर्माण करने के लिये केन्द्र द्वारा शिल्पग्राम में दस दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें राजस्थान और गुजरात के 9 मूर्ति शिल्पकारों ने भाग लिया। गुजरात के वरिष्ठ चित्रकार श्री महेन्द्र कड़िया के समन्वयन में आयोजित इस कार्यशाला में ज्यादातर शिल्पकारों ने प्रकृति को अपना आधार बनाया वहीं कुछ ने एब्सट्रेक्ट व रियलिस्टिक कार्य भी किया है। कार्यशाला में बरसात, और पक्षियों को प्रमुखता से दिखाया। वहीं उदयपुर के सौन्दर्य व अन्य बिम्बों को भी काष्ठ पर उतारा है। कार्यशाला में अलय मिस्त्री, रूद्र ठाकर, हर्षद पंचाल, रंजीत असारसा, प्रीति कहार, हार्दिक बी. कंसारा, विजय डी. कदम, सचिन चौधरी तथा नेमाराम ने अपनी अपनी कृतियाँ बनाई हैं।
दस दिवसीय कार्यशाला का समापन गुरूवार को 12.00 बजे शिल्पग्राम में होगा। इस अवसर पर कार्यशाला में सृजित शिल्प भी प्रदर्शित किये जायेंगे।