उदयपुर. उदयपुर के एक निजी चिकित्साकलय को एटोमिक एनर्जी रिसर्च बोर्ड ने कैंसर के उपचार के लिए रेडियोसर्जरी की अत्याधुनिक एफएफएफ टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की मंज़ूरी दे दी है। मंजू़री के बाद अब तक ब्रेन, स्पाइन व लंग कैंसर का उपचार किया गया है।
डॉ. शंकर ने बताया कि यह मंजूरी पहले भारत में दो संस्थानों को मिल चुकी है और यह तीसरा चिकित्सा लय है जहां मंजूरी दी गई है। इस तकनीक से फेंफडों व रीढ़ के कैंसर के उपचार में 3 मिनट लगे, व ब्रेन के कैंसर के उपचार में केवल 5 मिनट ही लगे। उन्होंने बताया कि इसमें कोई चीरा भी नहीं लगाना पड़ता, समय भी कम लगता है व एनेस्थेसिया देने की भी जरूरत नही पड़ती। इसकी सफलता दर भी लगभग 90 प्रतिशत है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक से फेंफडों के कैंसर के अलावा लिवर, पेन्क्रियाज़, प्रोस्टेट, ब्रैन ट्यूमर, रिकरंट हेड व नेक कैंसर का भी उपचार होता है।