राज्यस्तरीय नैतिक अणुव्रत गीत गायन स्पर्धा का आगाज
उदयपुर। अणुव्रत न्यास नई दिल्ली के तत्वावधान में राज्यस्तरीय अणुव्रत नैतिक गीत गायन प्रतियोगिता का आगाज गुरुवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में हुआ। इसकी औपचारिक घोषणा मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने की। अध्यक्षता तेरापंथी सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने की।
प्रतियोगिता के आगाज की घोषणा करते हुए मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि नैतिक शब्द हमारे आचार-विचार, संस्कार और षिक्षा से हटता जा रहा है। बच्चों में नैतिक षिक्षा नहीं हुई तो वह समाज, देष के किसी काम नहीं आ पाएगा। जो मंत्र हम बोलते हैं, वह शब्दों की माला में पिरोये हुए मंत्र ब्रह्माण्ड में गूंजते हैं इसलिए वे कारगर साबित होते हैं।
अध्यक्षता करते हुए फत्तावत ने कहा कि देष भर में फैल चुकी यह स्पर्धा 24 राज्यों में हो रही है। फत्तावत ने कहा कि आचार्य तुलसी के अणुव्रत आंदोलन की मषाल जन जन तक पहुंचाने में प्रतियोगिता सहायक सिद्ध हो रही है।
नई दिल्ली स्थित अणुव्रत न्यास से आए रमेष कांडपाल ने बताया कि गत 16 वर्षों से निरंतर हो रही यह स्पर्धा प्रतिवर्ष होती है। आज इस स्पर्धा में यहां राज्य भर के विभिन्न विद्यालयों के बच्चे षिरकत करने पहुंचे हैं। यहां के विजेता राष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लेंगे। इस स्पर्धा का उद्देष्य आचार्य तुलसी के अणुव्रत के माध्यम से देष को दिया गया संदेष जन-जन तक पहुंचाना है।
शासन श्री मुनि राकेष कुमार ने कहा कि कार्यकर्ताओं के प्रयासों से ही ऐसे कार्य सफल हो पाते हैं। प्रांतपाल रमेष कांडपाल, विजयवर्धन डागा आदि ऐसे नाम हैं जिनसे इस स्पर्धा ने अपना एक अलग मकाम कायम किया है। मुनि दीप कुमार ने कहा कि नैतिकता की गूंज यहीं से आरंभ होती है और इसके जरिये धरती को स्वर्ग बनाया जा सकता है। मुनि सुधाकर ने कहा कि नैतिक तत्व अब जीवन से विलुप्त प्राय होता जा रहा है। प्रतियोगिता से निष्चित रूप से बच्चों में नैतिकता का विकास होगा।
इससे पूर्व अतिथियों का उपरणा ओढ़ा स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया। आचार्य महाश्रमण के वहां सम्मानित होकर लौटी प्रणिता तलेसरा को सम्मान पत्र महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने भेंट किया। इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष दीपक सिंघवी, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष चन्द्रा बोहरा, अणुव्रत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अरूण कोठारी आदि भी मौजूद रहे। मंगलाचरण नीता खोखावत, सोनल सिंघवी, मंजू फत्तावत ने किया।
प्रतियोगिता संयोजक प्रणिता तलेसरा ने बताया कि प्रतियोगिता में एकल गायन कनिष्ठ वर्ग में बालिका आदर्ष विद्या मंदिर बालोतरा, सेठ संपतराम दुग्गड़ स्कूल चुरु द्वितीय तथा सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल उदयपुर व लक्ष्मीपत सिंघानिया स्कूल कांकरोली तृतीय रहे। वरिष्ठ वर्ग में जयपुरिया स्कूल जयपुर प्रथम, इंडो अमेरिकन पब्लिक स्कूल द्वितीय व सेठ संपतराम दुग्गड़ स्कूल चुरु व राजकीय बालिका मावि पचपदरा व बाल निकेतन राजसमंद तृतीय रहे। समूह गायन कनिष्ठ वर्ग में ज्ञान विहार जयपुर, आदर्ष विद्या मंदिर जसोल व लक्ष्मीपत सिंघानिया स्कूल कांकरोली द्वितीय व सेंट्रल पब्लिक स्कूल, सेठ संपतराम दुग्गड़ स्कूल चुरु तथा बिरला षिक्षा केन्द्र चित्तौड़गढ़ तृतीय रहे। वरिष्ठ वर्ग में इंडो अमेरिकन पब्लिक स्कूल उदयपुर प्रथम, संस्कार स्कूल जयपुर-सेंट्रल एकेडमी चित्तौड़गढ़ द्वितीय व जवाहर नवोदय विद्यालय पचपदरा व बाल निकेतन राजसमंद तृतीय रहे।
उन्होंने बताया कि निर्णायक सुजीत ओझा, हितेष गंधर्व एवं पंकज बनावत थे। कार्यक्रम में मंजू इंटोदिया, मंजू फत्तावत, मधु सुराणा, नीता खोखावत, चन्द्रप्रकाष पोरवाल, निर्मला दुग्गड़, शषि कंठालिया, ऋतु मारू आदि ने भी सहयोग दिया।