विद्यापीठ में सात दिवसीय पुस्तक प्रकाशन प्रमाण पत्र
उदयपुर। भारत सरकार तथा नेशनल बुक ट्रस्ट ने यह प्रावधान किया है कि रजिस्ट्रार की यह जिम्मेदारी है कि कॉपीराईट बोर्ड रजिस्ट्रेशन एवं पब्लिकेशन के बारे में आमजन को बताये। टेक्नोलॉजी के हिसाब से इमसें बदलाव करते हुए कोई व्यक्ति अपने घर बैठ कर अपनी पब्लिश होने वाली बुक्स का ऑनलाइन रजिस्ट्रे शन करवा सकता है। यह कहना था दिल्ली से आयी आज के मुख्य वक्ता अपर्णा शर्मा का।
अवसर था जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पुस्तक प्रकाशन प्रमाण पत्र के दूसरे दिन का। उन्होनें कहा कि इंटरनेट वेबसाइट पर यदि किसी व्यक्ति के कॉपीराइट का हनन होता है तो वह उसकी शिकायत कर नेशनल बुक ट्रस्ट अथवा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने वाले से इसकी शिकयत कर उसे हटाया जा सकता है। कॉपीराईट का हर पांच वर्ष में रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 1957 के बाद जितनी भी कॉपीराइट के माध्यम से पब्लिस हुआ है उनको वेबसाइट पर डाली जायेगी जिससे देश के सुदूर ग्रामीण अंचल में बैठे व्यक्ति को भी इन किताबों का लाभ मिल सकेगा। उन्होने कहा प्रथम कॉपीराईट प्रमाण-पत्र डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनकी पुस्तक मेरी आत्म कथा के लिए दिया गया था। पुस्तकें हमारे देश की धरोहर है। इससे हम अपने देश की धरोहर सुरक्षित रख सकेंगे। इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रोडेक्सन आफिसर नरेन्द्र कुमार, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. धीरज जोशी, डॉ. पारस जैन, डॉ. देवेन्द्रा आमेटा, डॉ. दिलिप सिंह, डॉ. संजीव राजपुरोहित, डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा, चन्द्रेश छतलानी, डॉ. घनश्याम सिंह, सहित प्रतिभागी उपस्थित थे।
आईएसबीएन नम्बर के लिए ऑन लाईन पार्टल : नेशनल बुक ट्रस्ट ने ऑन लाईन आई.एस.बी.एन. पार्टल बनाया है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी पुस्तक का घर बैठे ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन कर नम्बर प्राप्त कर सकता है। इसके लिए उन्हे महीनों का इंतजार नहीं कर पडेगा।
पीएचडी शोध केा मिलेगा आईएसबीएन नम्बर : उन्होने बताया कि अब पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को भी उनके शोध के लिए आईएसबीएन नम्बर मिलेगा जिससे उनके शोध की कोई भी कॉपी नहीं कर सकेगा। इसके लिए उसे विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के माध्यम से आवेदन करना होगा।
सामाजिक सोसयटी को आगे आना होगा : द्वितिय सत्र : नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रोडेक्सन आफिसर नरेन्द्र कुमार ने बताया कि दूसरे सत्र में ट्रस्ट के वरिष्ठ सम्पादक मानस रंजन महापात्र ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी का झुकाव फेसबुक, टवीट्र, वाट्सफ, की ओर दिनों दिन बढ़ रहा है जिसे आप और हम मिल कर नहीं रोक सकते। युवा पीढी का पुस्तको के प्रति रूझान पैदा करने के लिए उसे अच्छी पुस्तके उपलब्ध करानी होगी तथा हर गांव एवं कस्बों में वाचनालय को खोलने होगे जिससे युवा पीढी में पुस्तको को पढने की प्रवत्ति जागृत होगीै। आज समय बदल गया है किताब को युवा पीढी के पास पहुंचाना होगा। इसका माध्यम लाईब्रेरी, ईबुक्स, चल पुस्तकालय के माध्यम से युवाओं तक पहुचाना होगा। यह कार्य सिविल सोसायटी को करना होगा। समाज जब इसका दायित्व वहन नहीं करेगा तब तक सरकार कुछ नहीं कर सकती।
इनका होगा व्याख्यान : नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रोडेक्सन आफिसर नरेन्द्र कुमार ने बताया कि गुरूवार को बुक डिजाईन, डिजिटल प्लानिंग, कवर पेज पर दिल्ली के डी सरकार छात्रों को इन विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। वरिष्ठ सम्पादक मानस रंजन महापात्र कॉपी एडिटिंग, बच्चों की किताबों के सम्पादन एवं उसके महत्व के बारे में जानकारी देंगे।