लेकसिटी में योग शिविरों का शतक
उदयपुर। चिरंतन भारतीय संस्कृति में योग और आयुर्वेद के प्रति रची.बसी श्रद्धा और इसके प्रति असीम गौरव की अनुभूति कराता है दक्षिण राजस्थान के उदयपुर संभाग मुख्यालय पर स्थित राजकीय औषधालय जहां पर आयोजित हो रहे 365 योग शिविरों की श्रृंखला का शतक पार हो चुका है।
शहर के सिंधी बाजार स्थित राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय के तत्वावधान में चल रहे इस योग शिविर की श्रृंखला 1 जूनए 2015 से प्रारंभ हुई थी और अब तक इस श्रृंखला के 108 शिविर पूर्ण हो गए हैं और यह आयोजन अनवरत जारी है। इन शिविरों के आयोजन के सूत्रधार है प्रदेश के ख्यातनाम आयुर्वेद विशेषज्ञ व औषधालय के प्रभारी डॉण् शोभालाल औदिच्य।
आमतौर पर सरकारी औषधालय सुबह आठ बजे खुलते है परंतु इन योग शिविरों के कारण यह औषधालय सुबह सवा पांच बजे से प्रारंभ होता है। इस दौरान सुबह के सत्र में शहर व आसपास के गांवों से औसतन सौ व्यक्ति इन शिविरों में पहुंच कर योगाभ्यास का लाभ प्राप्त करते हैं। प्रतिदिन यह संख्या बढ़ती ही रहती है। वैसे औषधालय में रोगियों को व्यक्तिगत परामर्श का कार्य सुबह आठ बजे से शुरू होता है। इन शिविरों में बतौर योग विशेषज्ञ अशोक जैन, संजय दीक्षितए गोपाल डांगी और प्रेम जैन द्वारा निःशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं।
औषधालय का सबसे उपरी तल पूर्णरुप से योग को समर्पित है और इसमें यहां आने वाले व्यक्तियों के लिए योगाभ्यास की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। कुशल योग प्रशिक्षकों के निर्देशन में प्रतिदिन सुबह सवा पांच बजे से यहां पर योग की कक्षा शुरू होती है जो सुबह आठ बजे तक जारी रहती है। इस औषधालय की पहल से प्रभावित होकर नगरनिगम उदयपुर द्वारा नगर निगम के समस्त सामुदायिक भवनों एवं अन्य संस्थाओं में कुल 27 स्थानों पर योगाभ्यास की कक्षाओं को आरंभ किया गया है। यह कक्षाएं 1 सितंबर से लगातार जारी है और इसमें भी शहरवासियों द्वारा उत्साह से हिस्सा लिया जा रहा है।
शहरवासियों के उत्साह को देखते हुए इन योग कक्षाओं को शहर के अन्य हिस्सों में भी प्रारंभ करने का भी नगर निगम द्वारा प्रबंध किया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रत्येक रविवार को फतेहसागर की पाल पर भी विशेष योग शिविर आयोजित किए जा रहे हैं जिसमें अब तक तीन शिविर आयोजित हुए हैं।
निश्चय ही पीडि़त मानवता की सेवा के संकल्प और निरोगी जीवन के संदेश के साथ वर्ष 1967 में स्थापित यह आयुर्वेद औषधालय व इसके प्रभारी योग शिविरों की इस अनूठी श्रृंखला के सतत आयोजन के साथ ही रोगियों को अपनी अनूठी सेवाओं के कारण समूचे संभाग के लिए अनुकरणीय बने हुए हैं।