ध्यान को बताया जीवन में रूपांतरण का काम
उदयपुर। शासन श्री मुनि राकेश कुमार ने भगवान महावीर के पिछले जन्मों के वर्णन के तहत आज उनकी दीक्षा का सजीव वर्णन किया। दीक्षा लेने का सजीव वर्णन राकेश मुनि के मुखारविंद से सुनकर श्रावक-श्राविकाएं मग्न हो गए। आज सातवें दिन ध्यान दिवस पर उन्होंने ध्यान को आत्म शुद्धि का कार्य बताया।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में पर्यूषण के सातवें दिन ध्यान दिवस पर उन्होंने कहा कि ध्यान दिवस जीवन के रूपांतरण का मार्ग है। पापी भी अगर ध्यान की साधना करता है तो उसकी वृत्तियों में बदलाव आ सकता है। तप बहुत उंची साधना है। इसमें चित्त की शुद्धि जरूरी है। तप बढ़े, कषायों का ताप नहीं बढ़ना चाहिए। ये सब तपस्या, साधना का परिणाम है। हर व्यक्ति में परिवर्तन, विकास की संभावना है। ध्यान से मेमोरी का भी विकास होता है। उन्होंने ध्यान के प्रयोग भी करवाए।
मुनि दीप कुमार ने कहा कि स्वयं को देखने की साधना ध्यान है। जिस तरह प्रेक्षाध्यान स्वयं को देखने की साधना है उसी प्रकार आत्मा से आत्मा को देखने की साधना ध्यान है। जो दूसरों को देखने में समय व्यतीत करे, दूसरों के दोषों को देखे, वह कभी आगे नहीं बढ़ पाता। खुद के दोष देखने वाला ही ध्यान का सच्चा साधक है। प्रेक्षाध्यान से हम जीवन को उज्जवल बना सकते हैं।
मुनि सुधाकर ने कहा कि जो पाप, निंदा, आलोचना में रत रहता हो, उस जीव का सोना ही अच्छा है और जो धर्म आचरण करे, सदाचरण करे, आत्म दर्शन, आत्ममंथन करे, उन जीवों का जागना उचित है। जीवन के प्रति जागरूकता, संयम, विवके का होना ही ध्यान है। आचार्य महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान की पद्धति दी। राग-द्वेष से दूर रहकर वर्तमान का अनुभव करना ही प्रेक्षाध्यान है। जब भी जो भी कार्य करें, पूर्ण जागरूकता, के साथ करें। खाना खाते हुए सिर्फ खाना खाएं। वर्तमान में जीना ही ध्यान है। आत्मदर्शन करें। स्वयं को जानने-परखने और समझने की कोशिश करें।
तेरापंथ सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि पर्यूषण के आठवें दिन तक तेरापंथ भवन में संवत्सरी पर्व क्षमापना दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सुबह पौषध के अनुष्ठान होंगे। खमतखामणा शुक्रवार को की जाएगी। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष चन्द्रा बोहरा, मंत्री लक्ष्मी कोठारी ने मंडल की डायरेक्ट्री का विमोचन कर उसकी प्रति राकेश मुनि को भेंट की। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम की ओर से जैन समाज को अल्पसंख्यक होने के फायदों पर प्रकाशित पुस्तक का भी विमोचन किया गया। संचालन मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने किया। इससे पूर्व 9 से 9.30 बजे तक एसएस जैन ने प्रेक्षाध्यान के प्रयोग एवं जप कराए। प्रारंभ में ममता सोनी एवं बहनों ने मंगलाचरण किया।
तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष दीपक सिंघवी ने बताया कि आध्यात्मिक रात्रिकालीन प्रतियोगिता के तहत कौन बनेगा धर्मवान क्विज कार्यक्रम हुआ। आठ ग्रुपों में हुए कार्यक्रम में 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पूरी तरह डिजीटलाइज्ड पावर पाइंट प्रजेन्टेशन पर आधारित इस प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में विनोद माण्डोत, अजीत छाजेड़, धीरेन्द्र मेहता ने सफल संचालन में सहयोग दिया।