शहरवासियों में आश्चर्यमिश्रित रोष
उदयपुर। खान विभाग में ढाई करोड़ की घूस महाकांड के आरोपियों को जहां पुलिस पूछताछ के लिए यहां से लेकर जयपुर के लिए रवाना हो गई लेकिन दिन भर सभी जगह सिर्फ इसी के चर्चे रहे। शहरवासियों में जहां इतनी बड़ी रिश्वीत को लेकर आश्च र्य था वहीं अधिकारियों पर मोटी तनख्वांह लेने के बावजूद रिश्वत लेने पर रोष भी था।
24 घंटे एसी में रहने वाले आरोपियों की रात बमुश्किल थानों में गुजरी। रात भर गर्मी और मच्छरों से परेशान रहे। सुबह एसीबी के अधिकारी इन सभी को लेकर जयपुर रवाना हो गए। निलम्बित खान सचिव अशोक सिंघवी को कार में और शेष को पुलिस बस में बैठाकर जयपुर ले जाया गया, जहां आगे की पूछताछ की जाएगी।
उल्लेयखनीय है कि चित्तौड़ में बंद पड़ी खानों को पुन: शुरू करवाने के एवज में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर की टीम ने पहले भीलवाड़ा में तैनात खान विभाग के अधीक्षण अभियंता पुष्करराज आमेटा और खदान मालिक शेर खान के दलाल रशीद को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ब्यूरो के अधिकारियों ने अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत को पकड़ा था। इसके बाद इन अधिकारियों के दलाल सीए श्याम एस सिंघवी, संजय सेठी को पकड़ा था। इसके बाद पुलिस ने रात को कार्यवाही कर खान सचिव और वरिष्ठ आईएएस अशोक सिंघवी को गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने पैसे लेकर आने वाले चिंटू उर्फ धीरेन्द्र को भी गुरुवार को गिरफ्तार किया था।
जानकारी के अनुसार आईएएस अशोक सिंघवी को प्रतापनगर थाने में रखा गया। इसके लिए प्रतापनगर थाने में कमरा अलग से दिया गया। रात्रि को ब्यूरो के अधिकारी प्रतापनगर थाने में रात भर आईएएस अशोक सिंघवी से पूछताछ करते रहे। पूछताछ के दौरान अशोक सिंघवी मच्छरों और गर्मी से काफी परेशान हुए। रात भर पूछताछ के बाद तडक़े उन्हें कुछ देर सोने का मौका दिया गया। सुबह कार में प्रतापनगर से भुपालपूरा थाने लाया गया। आरोपी पंकज गहलोत, पुष्करराज आमेटा, श्याम एस सिंघवी और संजय सेठी को अंबामाता थाने तथा खदान मालिक शेरखान, इसका नौकर राशीद और धीरेन्द्र को भुपालपूरा थाने में रखा गया।
सुबह सभी को भुपालपूरा थाने एकत्रित किया गया। जहां पर अशोक सिंघवी को छोडक़र सभी को पुलिस बस में बैठाया गया। अशोक सिंघवी को कार में बैठाया गया। बस में ब्यूरो के अधिकारी और कांस्टेबल सवार हुए। इसके साथ ही ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक एक अलग गाड़ी में थे और पुलिस की ओर से सुरक्षा वाहनों के साथ सभी आरोपियों को जयपुर के लिए रवाना किया गया। ब्यूरो के अधिकारी सभी को 21 सितम्बर को वापस उदयपुर लाएंगे और फिर से न्यायालय में पेश किया जाएगा।