उदयपुर। एमएमएस एण्डोक्राइन एंड डायबिटीज रिसर्च ट्रस्ट एवं सृजन हॉस्पीटल के तत्वावधान में आयड़ पुलिया आनन्द नगर स्थित सृजन हॉस्पिटल में आज मधुमेह से विभिन्न बीमारियों पर पडऩे वाले प्रभाव की प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सकों को जानकारी देने हेतु एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार मे संभाग के 80 चिकित्सकों ने भाग लिया।
मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. डीसी शर्मा ने बताया कि अधिकांशत: मधुमेह रोगी सर्वप्रथम प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सकों के सम्पर्क में आते है और यदि वहीं से उस रोग की गंभीरता को ध्यान में रखकर चिकित्सक द्वारा उचित सलाह एवं इलाज मुहैया करा दिया जाए तो रोगी की बीमारी को आगे बढऩे से रोका जा सकता है। उन्होंने विभिन्न जटिल परिस्थितियों एवं मुश्किल से नियंत्रित होने वाली डायबिटीज बीमारी के विभिन्न रोगों पर पडऩे वाले प्रभाव को विस्तार से बताया।
जयपुर के एन्डोक्रोनोलोजिस्ट डॉ. एसके शर्मा ने डायबिटीज के विभिन्न प्रकार एवं उससे होने वाले कारणों पर चर्चा की। जयपुर के ही डॉ. पाटीदार ने डायबिटीज के कारण न्यूरोपैथी, किडनी, आंखें एवं स्नायु तंत्र पर होने वाले दुष्प्रभावों के एवं रोकथाम के उपाय बतायें। उन्होंने बताया कि शुगर के कन्ट्रोल से डायबिटीज को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
उदर एवं लीवर रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन माथुर ने डायबिटीज होने पर वह पेट, उदर व लीवर को भी खराब कर सकता है। इस अवसर पर उन्होंने डायबिटीज के लम्बे समये तक होने पर पेट फूलना, आंतों पर डायबिटीज के प्रभाव एंव कारणों परचर्चा की। हद्य रोग में डायबिटीज की बीमारी प्रमुखता से पायी जाती है एवं इसके कम करने के उपायों, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल एवं व्यायाम की महत्ता पर डॉ. अमित खण्डेलवाल एवं डॉ. एसके शर्मा विस्तार से प्रकाश डाला।