उदयपुर। प्रसिद्ध कला संस्था ’कलावृत’ ने दृश्यकला विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के संयुक्त तत्वाधान मे राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर के ललित कला संकाय में छह दिवसीय लघुचित्रण शैली में शिविर का प्रारम्भ हुआ।
शिविर का आरम्भ कलागुरु स्व. सुमेन्द्र शर्मा की स्मृति में श्रृद्धा सुमन अर्पित करके मुख्य अतिथि कलाकार रणजीतसिंह जे. चूडावाला ने लघुचित्रण शैली में नारी का मुख बनाकर चित्रण कार्य की शुरुआत की। तीन दिनों में शिविर में कार्य करने प्रमुख चित्रकारों में पद्मश्री एस. शाकिर अली, जयशंकर, खुश नारायण जागिड़, वीरेन्द्र बन्नू, शम्मी बन्नू, संजीव शर्मा, हरशिव शर्मा, रामअवतार सोनी, गिरधरलाल खींची, श्वेत गोयल आदि चित्रकारों ने कार्य किया। इसके अतिरिक्त कुछ छात्र वृन्दा हल्दिया श्रीकान्त एवं अन्य कलाकारों एवं कलाप्रेमी ने शिरकत की। 10 अक्टूबर, 2015 तक निरन्तर चित्रण तथा उसके विधिविधानों की बारिरिकों के ज्ञान के संचार हेतु चित्रकारों द्वारा व्याख्यान भी दिए जाएंगे।
कलावृत के वर्तमान अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने कहा कि शिविर का मुख्य उद्देश्य हमारी लुप्त होती इस परम्परागत कला से युवा कलाकारों एवं कला विद्यार्थियों को जोड़ने एवं मिनिएचर पेंटिंग के लिए अति आवश्यक सूक्ष्मातिसूक्ष्म तकनीक की जानकारी विद्यार्थियों और कला के जिज्ञासुओं को दिलाना है। दृश्य कला विभाग के विभागाध्यक्ष रजत पण्डेल ने बताया कि कला के माध्यम से देश की दृश्य कला परम्पराओं को जानना, समझना ओर उससे प्रभावित हो कर समसामयिक कला के विकास के लिये युवा कलाकारों एवं कला विद्यार्थियों का उद्देश्य होना चाहिये जिससे हम अपनी परम्परागत कला को भी नये आयाम दे सके, इसी उद्देश्य को लेकर दृश्य कला विभाग इस शिविर का आयोजन किया गया है।