उदयपुर । राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग की स्नात्तकोत्तर उत्तरार्ध की छात्राओं के लिए शहर के प्राचीनतम सज्जन निवास उद्यान में बुधवार को शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया।
विभागाध्यक्ष डॉ. सविता चाहर और स्नात्तकोत्तर परिषद प्रभारी डॉ अनामिका सिंघवी ने बताया कि भ्रमण के दौरान विभाग के व्याख्यातागण डॉ इंदु बाला सोनी, डॉ. फरहत बानू, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. किरण टांक, डॉ. रेखा भाटी और डॉ. वर्तिका जैन के अनुभवों का लाभ लेते हुए छात्राओं ने उद्यान में स्थित 50 वृक्ष प्रजातियों और 25 से भी अधिक शाक और झाड़ियों का अध्ययन किया। छात्राओं ने इसमें आवृतबीजियों के साथ ही अनावृतबीजी और टेरिडोफाइट्स को भी पहचानना सीखा। आईयूसीएन द्वारा संकटग्रस्त प्रजातियों में सम्मिलित स्वीटेनिआ महोगनी के दो वृक्षों को देखकर सभी छात्राएं विस्मित थी। पादप जैव विविधता के अध्ययन के दौरान छात्राओं ने पाया कि इस प्राचीन उद्यान में विभिन्न महत्त्वपूर्ण पादप प्रजातियों का सरंक्षण तो हुआ है पर अमरबेल और लैंटाना जैसी पादप प्रजातियों का अतिक्रमण शुरू हो चुका है जो शीघ्र ही अन्य पादप प्रजातियों के लिए समस्या बन सकते हैं। गुलाबबाग़ में वर्तमान में चल रहे विकास कार्यो को देखते हुए व्याख्याता गण ने सुझाव दिया की विकास के साथ हमें उद्यान में प्राकर्तिक रूप से उग रहे देशी पौधों को पनपने का मौका भी देना चाहिए। व्याख्याता डॉ. वर्तिका जैन द्वारा छात्राओं के लिए प्लांट हंट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमे छात्राओं को वानस्पतिक कुलों, बाह्य आकारिकी लक्षणों, प्रसिद्ध नामों और उपमाओं के द्वारा उद्यान में मौजूद पौधों को पहचानने से सम्बंधित व्यवहारिक प्रश्न दिए गए जिसमें सभी छात्राओं ने उत्साह से भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम रोशनी अहारी, द्वितीय पूजा सुथार और तृतीय पूर्णिमा जोशी रहे।