उदयपुर। हवा, पानी, सब्जियां सभी में जहर। पंचायतें तो क्या नगर निगम हो या प्रन्यास क्षेत्र। सभी जगह खुले में शौच अब भी किया जा रहा है। ये स्थितियां उदयपुर के स्मार्ट सिटी बनने में कहीं न कहीं रोड़ा बन रही हैं। यह चिंता रविवार को झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रम संवाद में व्यक्त की गई।
रविवार प्रातः पिछोला झील पहुंचे झील प्रेमियों ने झील घाटों पर यत्र-तत्र शौच देखी। झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि लेक पेट्रोलिंग टीम साबुन पॉलीथिन जप्त करने के साथ सुबह शौच करने वालों को भी रोकें। झील मित्र संस्थान के तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि पिछोला फतह सागर क्षेत्र में सुबह पांच से नौ बजे तक अलग-अलग जगह होम गार्ड के जवान निगरानी हेतु लगाए जाए। इसी तरह ब्रम्हपोल कब्रिस्तान क्षेत्र पर भी प्रशासनिक निगरानी की जरुरत है ताकि खुले में शौच करने वालो को रोका जा सके।
डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव नंद किशोर शर्मा ने कहा कि भीतरी शहर में पर्यटक वाहनो ए टैक्सियों की भारी आवा जाही से हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। ऐसे में बाहरी क्षेत्र में पार्किंग बना भीतरी शहर व फतहसागर को नो ट्यूरिस्ट व्हीमकल ज़ोन बनाया जाए।
संवाद पूर्व झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रमदान से पिछोला के अमरकुंड झीलक्षेत्र से शराब की बोतलें, पोलिथिन, थर्मोकोल, फूल मालाएं, नारियल, सड़े फल, खाद्य सामग्री व घरेलू कूड़ा निकाला गया। पूरे घाट की शौच सफाई कर घाट को धोया गया। श्रमदान में रमेशचन्द्र राजपूत, मोहनसिंह चौहान, राम लाल गहलोत, अजय सोनी, ललित पुरोहित, भावेश, गरिमा, हर्षुल, रिद्देश, तेज शंकर पालीवाल, डॉ. अनिल मेहता व नंदकिशोर शर्मा ने भाग लिया।