विद्यापीठ के सैकड़ों कार्यकाताओं-छात्र पहुंचे कलक्ट्रेट
पूर्व प्रशासन के खिलाफ भी की कार्यवाही की मांग
उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ कुल के संशोधित संविधान को उप रजिस्ट्रार (सहकारी संस्था) द्वारा अधिकार क्षेत्र से परे जाकर नियम विरूद्ध तरीके से निरस्त को लेकर शुक्रवार को वि.वि. के श्रमजीवी महाविद्यालय परिसर, प्रताप नगर परिसर एवं पंचायतन यूनिट डबोक, झाड़ोल के सभी विभागों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं, छात्र-छात्राओं ने कलक्ट्रेट परिसर के बाहर उप रजिस्ट्रार अश्विन वशिष्ट तथा पूर्व कुल प्रमुख प्रफुल्ल नागर, पूर्व कुलपति दिव्यप्रभा नागर के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
विद्यापीठ के कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, विवि के रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल, पीजी डीन प्रो. प्रदीप पंजाबी, सहायक कुलसचिव डॉ. हेमशंकर दाधिच, डॉ. संजय बंसल के नेतृत्व में एडीएम सिटी ओपी बुनकर को ज्ञापन दिया तथा मामले की जांच करने तथा इनके विरूद्ध कार्यवाही की मांग की। साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भारद्वाज को भी पूर्व प्रशासन के खिलाफ मामले की जांच कर इनके विरूद्ध कार्यवाही की मांग कर ज्ञापन दिया।
शास्त्री सर्कल से निकाला मौन जूलूस : रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने बताया कि सैकड़ों छात्र-छात्राओें तथा कार्यकर्ता शास्त्री सर्कल से कतारबद्ध हाथों में तख्तियां लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे।
हाईकोर्ट का निर्णय पर स्टे : गौरतलब है कि गुरूवार 10 दिसम्बर 2015 को विद्यापीठ को राहत प्रदान करते हुए विद्यापीठ के पक्ष में स्टे दिया। कुल प्रमुख भवंरलाल गुर्जर ने बताया कि कुल द्वारा दायर याचिका पर पर कोर्ट द्वारा आदेश में कहा गया कि उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियों को इस प्रकार के आदेश पारीत करने का कतई अधिकार नहीं है। पूर्व में भी उच्च न्यायालय ने इस बाबत् निर्णय दिया हुआ है जिसकी रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां द्वारा इस निर्णय द्वारा अवमानना की है। यह निश्चित रूप से संविधान एवं अधिकारों की अवहेलना करते हुए कृत्य किया है जो स्वीकार नहीं है।