उदयपुर. गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज डबोक में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन गिट्स एमटीएमआई 2015 में चर्चा करते हुए भौतिक शास्त्री प्रोफेसर बीएल आहुजा ने कहा कि आज के युग में वैज्ञानिक भौतिक तत्वोंे की उपयोगिता मानव की खुशहाली में ही है।
इस दौरान विषय विशेषज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्रों से सम्मेलन के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। सम्मेलन में हॉर्वड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कमल नयन अग्रवाल ने कार्य नैतिकता एवं दबाव एवं मानवीय सम्मान की प्रामाणिकता ज्ञापित की। प्रोफेसर गायत्री तिवारी ने पारिवारिक अध्ययन एवं प्रबंधन को खुशहाली का मूलाधार बताया। गिट्स के रिसर्च एंड डवलपमेंट के डीन प्रोफेसर राजीव माथुर ने प्रबंधन के माध्यम से आधुनिक तकनीकों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की बात कही। डॉ. विनीत जैन ने तकनीकी विकास एवं उपयोगिता पर विस्तार में चर्चा की। प्रो. उमा जोशी ने तकनीकी विकास के बावजूद ’खुशहाली कम क्यों हो रही है?’ पर जोर दिया। प्रो. लक्ष्मी ठाकुर ने विज्ञान एवं तकनीकी के नवाचारों को इस तरह से प्रबंधन करने पर जोर दिया कि मानव खुशहाली बनी रहें एवं जीवन में गुणवत्ता बढ़ती रहे। प्रो. विजयालक्ष्मी चौहान ने स्वअंकेक्षण के द्वारा विज्ञान, तकनीकी एवं प्रबंधन को अंतर संबंधित प्रत्यय के रूप में प्रस्तुत किया।
संचालन डॉ. देवेन्द्रसिंह सिसोदिया ने किया। लगभग 30 से अधिक शोधपत्रों का वाचन किया गया। विज्ञान व तकनीकी सत्र के अंतर्गत प्रो. बी.एल आहुजा, प्रो. सनन्द कुमार, प्रो. बबीता जैन की अध्यक्षता में 20 से अधिक पत्रों का वाचन हुआ। प्रबंधन यंत्रों के अंतर्गत प्रो. पी.के गुप्ता की अध्यक्षता में प्रो. गीता महाजन, प्रो. मुकेश पोरवाल, प्रो. मनीष शर्मा आदि ने 20 शोधपत्रों का वाचन किया। गिट्स के प्रधानाचार्य प्रो. वेणुगोपाला राव ने सभी प्रतिभागियों को गीतांजली यूनिवर्सिटी सभागार में सांस्कृतिक संध्या ’म्हारो राजस्थान’ के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर शक्ति सिंह शेखावत किया। सांस्कृतिक संध्या ने प्रतिभागियों में जोश, उत्साह एवं उल्लास का वातावरण बना दिया।