रोटरी परिवार अवार्ड-2015 समारोह
उदयपुर। रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में नववर्ष 2016 के स्वागत में रोटरी बजाज भवन में रंगारंग कार्यक्रम के साथ-साथ रोटरी परिवार अवार्ड-2015 समारोह आयोजित किया गया, जिसमें वरिष्ठ क्लब सदस्यों ने पुराने गीतों पर युगल नृत्य उस जमाने को याद किया।
क्लब अध्यक्ष गजेन्द्र-कांता जोधावत ने समारोह की शुरूआत करते हुए ‘नैनों में सपना, सपनों में संजना..’से शानदार नृत्य के साथ शुरूआत की। तत्पश्चात पदम-लता दुगड़ ने ‘परदा हटा दो, जरा मुखड़ा दिखा दो..’, रमेश-देविका सिंघवी ने ‘तुझे देखा तो ये जाना सनम..’, सुशील-सरला बांठिया ने ‘क्या खूब लगती हो, बड़ी सुन्दर दिखती हो..’, क्लब सचिव सुभाष -दर्शना सिंघवी ने ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू..’, उमेश-उषा नागौरी ने ‘मैं तो रस्ते में जा रहा था..’, महेन्द्र-अनुपम खमेसरा ने ‘साड़ी का ब्लाऊज कौनसा मैच किया रे..’, प्रतापसिंह-शीला तलेसरा ने ‘मेरे हाथ में तेरा हाथ हो..’, डॉ. अजय-इन्दिरा मुर्डिया ने ‘लाल दुपट्टा उड़ गया रे, मेरे हवा के झोंके से..’, एसके महाजन-रीटा महाजन ने ‘प्यार हुआ इकरार हुआ,प्यार से फिर क्यूं डरता है दिल..’, नरेन्द्र-नीना मारू ‘मैं रंग शरबतों का..’, ने जहां नृत्य कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया वहीं उम्मेद सिंह चौहान-श्रीमती राजेन्द्र चौहान ने ‘आंखों में हमने आपके सपने सजाये है..’, डॉ. प्रदीप कुमावत ने ‘कोई रोके ना दिवाने को,मन मचल रहा है, कुछ गाने को..’, गीत व डॉ. टीके-लता भण्डारी ने अपनी मधुर आवाज में ‘तेरे कदमों मे सिर अपना भी झुका कर हम भी देखेंगे..’ कव्वाली पेश कर सभी को रोमांचित कर दिया। संचालन उमेश नागौरी ने किया।
कार्यक्रम में रोटरी परिवार अवार्ड-2015 समारोह आयोजित किया गया जिसमें शीला तलेसरा को ठहाकों की रानी, सीपी तलेसरा को चमकते सितारे, सुशील-सरला बांठिया को मोस्ट टॉकेटिव कपल, डॉ. अजय-इन्दिरा मुर्डिया को बेस्ट वेल ड्रेस्ड कपल, वीरेन्द्र-सरोज सिरोया को हम साथ-साथ है तथा एसके महाजन-रीटा महाजन को बेस्ट लाइवली कपल अवार्ड से पुरूस्कृत किया गया। संचालन अनुपम खमेसरा ने किया।
समारोह में प्रान्तपाल निर्वाचित रमेश चौधरी के रोटरी अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग असेम्बली में भाग लेने के लिए केलिफोर्निया प्रस्थान करने पर क्लब अध्यक्ष गजेन्द्र जोधावत, सचिव सुभाष सिंघवी, पूर्व प्रान्तपाल डॉ. यशवन्तसिंह कोठारी, पूर्व प्रान्तपाल निर्मल सिंघवी ने पगड़ी, पहना कर शॉल ओढ़ाकर एवं माल्यार्पण कर विदाई दी गई। इस अवसर पर सभी सदस्यों ने चौधरी का माल्यार्पण किया।