पेसिफिक का स्ट्रोकक पर महाअभियान
लकवा अपंगता मुक्ति अभियान पर वर्कशॉप
उदयपुर। पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साइन्सेस की ओर से “लकवा अपंगता मुक्ति अभियान” के अन्तर्गत वर्कशॉप का आज पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजन किया गया।
उदघाटन पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल, पेसिफिक मेडिकल के वाइस चांसलर डॉ. डीपी अग्रवाल, प्रिसिपल डॉ. एसएस सुराणा, न्यूरो फिजिशियन डॉ. अतुलाभ वाजपेयी एवं न्यूरो सर्जन डॉ. नरेन्द्रमल ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि देश में प्रतिवर्ष 7 से 8 लाख लोग स्ट्रोक से मरते है। हर छठे सेकंड में एक व्यक्ति की मौत होती है। प्रति माह 80 से ज्यादा केस ब्रेन स्ट्रोक के आते है। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि साठ बर्ष से ऊपर की उम्र में मौत का दूसरा सबसे बडा कारण ब्रेन स्ट्रोक है। हार्ट अटैक का पता तो सबको रहता है लेकिन ब्रेन स्ट्रोक को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं है जिसके कारण कई लोग अपंग हो जाते है। उन्होने कहा कि अगर एक व्यक्ति 6 लोगों को जागरूक करे तो ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी पर काफी हद तक कन्ट्रोल किया जा सकता है। इस “लकवा अपंगता मुक्ति अभियान” के अर्न्तगत पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साइन्सेस की ओर से एक स्ट्रोक सर्पोट ग्रुप की स्थापना की गई है।
इस ग्रुप का मुख्य उद्धेश्य्
शहरी एवं आदिवासी बहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में स्ट्रोक की समस्या की भयावता के बारे में जागरूकता पैदा करना एवं समय पर रोग की पहचान करना है। स्ट्रोक के बारे में फैली भ्रांतियों को तोडनें और सही समय पा सही चिकित्सा का प्रबध करना। समय पर स्ट्रोक के मरीजों के लिए लकवा की रोकथाम एवं आधुनिक चिकित्सा के बारे में जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न साघनों का उपयोग करना। स्ट्रोक विज्ञान में अनुसंधान और आविष्कारों में मदद करना। नैतिक रूप से,चिकित्सा की दृष्टि से और आर्थिक रूप् से पुर्नवास के लिए शीघ्र उपचार में मरीजों व उनके परिवार की सहायता करना। विभिन्न स्तरों पर चिकित्सा पेषेवरों,सहयोगी स्टाफ,देखभालकर्ता के प्रषिक्षण में मदद करना।
पीएमसीएच के चैयरमैन राहुल अग्रवाल ने बताया कि इस अबसर पर स्ट्रोक सर्पोट ग्रुप की वेवसाइट www.ssug.org की भी शुरूआत की गई। इस वेवसाइट के माध्यम सें स्ट्रोक क्या है इसका ट्रीटमेंन्ट कैसे होता है क्या इसके लक्षण है और नई एडवांस टेक्नोलॉजी के माध्यम से इलाज के बारे में सुदूर बैठा आदमी भी स्ट्रोक की बीमारी से बच सकता है साथ ही दूसरें अन्य लोगों को भी जागरूक कर सकता है। इस वर्कशॉप में पीएमसीएच के सभी विभागों के डॉक्टरों के साथ साथ उदयपुर शहर के लगभग 250 से ज्यादा मेडिकल से जुडे लोगों ने भाग लिया। न्यूरो सर्जन डॉ. नरेन्द्रमल ने कहा कि पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साइन्सेस राजस्थान का एक मात्र कॉम्प्रिहेन्सिव सेन्टर है जहां लकवा होने के 8 घण्टे में एन्जियोग्रॉफी कर थक्का निकालने की सुविधा 24 घण्टे की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा स्ट्रोक यूनिट में मेडिकल, शल्य चिकित्सा द्वारा इलाज एवं समस्त न्यूरो सम्बधी सुविधा उपलब्ध है।