पूर्व मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरा
उदयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उदयपुर जिला परिषद सदस्या के जिला प्रमुख बनने के लिए कतिपय नेताओं को रिश्वोत देने और इस मामले में गृहमंत्री तक का नाम उछलने पर लोकतंत्र शर्मसार है।
वे अपने एक दिनी प्रवास पर उदयपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंेने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि लोकतंत्र मे यह किसी भी पार्टी के लिए ठीक नही है और लेनदेन के इस प्रकरण में अपने आपको स्वच्छ राजनेता कहने वाले गुलाबचन्द कटारिया नाम आना आश्चर्यजनक हैं। उन्हें इस प्रकरण पर सार्वजनिक तौर पर बयान जारी करना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि वसुन्धरा सरकार द्वारा समीक्षा के नाम पर जानबूझ कर राजस्थािन के लिए महती रिफाइनरी जैसे प्रोजेक्ट को अनावश्यक लटकाया जा रहा है। रिफाईनरी लगने से कई पेट्रो प्रोजेक्ट एवं अन्य उद्योग धन्धे स्थापित होंगे और राजस्थान के लोगों को रोजगार सुलभ होगा तथा राज्य को राजस्व की प्राप्ति भी होगी जिससे राज्य विकास के लिए आत्मनिर्भर बनेगा। मंत्रियों द्वारा सरकार में नहीं चलने तथा अपने विभाग के प्रति असंतुष्टि सार्वजनिक तौर पर जाहिर करने से पता चलता है कि राजस्थान में किस तरह शासन चल रहा है।
इससे पूर्व गहलोत सलूम्बतर गए जहां पूर्व जिला प्रमुख छगनलाल जैन के पुत्र के निधन पर शोक व्यरक्तस किया। वहां से लौटकर होटल व्युवसायी प्रताप भंडारी के निवास पहुंचे जहां भंडारी के निधन पर उनके भ्राता कमल भंडारी, पुत्र निशिथ भंडारी से भेंट कर संवेदना व्यरक्तं करते हुए सान्व् ग ना दी। इस दौरान उनके साथ देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला, शहर जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाड़िया, पूर्व विधायक बसन्तीदेवी मीणा, पूर्व मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया, हेमन्त श्रीमाली, फिरोज अहमद शेख, कौशल नागदा आदि मौजूद थे।