संस्थापक प्रदीप बंसल उदयपुर में
उदयपुर। यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल आज उदयपुर पंहुचे, जहंा एयरपोर्ट पर मिशन के सदस्यों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी के यमुना सहित पूरे राष्ट्र को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के आव्हान के तहत यमुना मिशन के सदस्य पूरे देश की भम्रण कर वहंा की स्थिति का जायजा लेकर हर शहर की गंदगी को हटाकर उसे स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दे रहे है। इसी क्रम में यमुना मिशन के सदस्य पिछले 4 दिनों से उदयपुर में है। विभिन्न स्थानों पर जाकर वहां की साफ-सफाई कर रहे है। बंसल ने बताया कि यमुना मिशन ने यमुना को ही नही बल्कि पुरे राष्ट्र को सुन्दर व स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है।
मिशन के आनन्द दास महाराज ने बताया कि इस अवसर पर बंसल का बैंण्ड बाजे और 10 घोड़े, 6 ऊंट, 2 हाथी और सैंकडो यमुना मिशन समर्थकों ने भटीन्डा के स्पेशल बैेंड बाजे, पुष्पों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया। दस ने बताया कि उदयपुर नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी शहर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रख रहे है। कोठारी की कार्यशैली से यही लगता है कि वे इतिहास पर चलने में नहीं है वरन् इतिहास बनाने में विश्वास रखते है।
महाराज ने बताया कि यमुना मिशन द्वारा किये जा रहे प्रकृति संरक्षण के कार्यो एवं यमुना स्वच्छता की मुहिम से अब ब्रज क्षेत्र ही नहीं अपितु ब्रज से कई सौ किलोमीटर दूर स्थित स्थानों पर यमुना मिशन के उद्देश्यों एवं कार्यों की गूंज सोशल मीडिया के माध्यम से पंहुच रही है। यमुना मिशन द्वारा प्रकृति संरक्षण, सांस्कृतिक विरासतों की रक्षा, जल-जंगल-जमीन की रक्षा हेतु यमुना मिशन द्वारा किये जा रहे वृक्षारोपण, कुण्डों एवं तालाबों संरक्षण एवं जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण, यमुना के घाटों की रक्षा एवं यमुना स्वच्छता के लिये प्रभावी कदमों को लेकर यमुना मिशन की लोकप्रियता चहुॅओर बढ रही है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण की सुरक्षा हेतु यह अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य यमुना मिशन द्वारा किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हमारे द्वारा लगाये गये वृक्ष हजारों सालों तक समाज की सेवा करते है। मिशन के संयोजक पं. अनिल शर्मा ने कहा कि मथुरा में यमुना मिशन द्वारा मोक्षधाम से लेकर चक्रतीर्थ घाट, कृष्णगंगा घाट,लखपतराय घाट, दाउजी घाट, सतसंग घाट रामेश्वर घाट गउघाट, कंसकिले के पीछे से लेकर स्वामी घाट तक सफाई कर सघन वृक्षारोपण किया गया साथ ही मलबे के ढेरों में दबे घाटों को पुन: जीवंत किया है। इस दौरान पं.अनिल शर्मा जी, गीता शर्मा आनन्द दास महाराज, काठिया बाबा महाराज, लखनदास महाराज, संजय जैन, महापौर पीए सुनीता शर्मा, पन्ना लाल शर्मा, देवेश चौधरी, शिवा, सौरभ चौधरी, हर्षा, महेश जी, शरद शर्मा उर्फ छोटे भईया अनेको प्रांतो से सैकड़ो सदस्य मौजूद थे।