राजस्थान विद्यापीठ में इतिहास विभाग की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के इतिहास एवं संस्कृति विभाग की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 18-19 फरवरी को टाउन हॉल स्थित महाविद्यालय के सिल्वर जुबली सभागार में प्रातः 10 बजे शताब्दी का संघर्ष एवं राजस्थान ( 1857 ई. से 1956 ई. तक) विषय पर होगी।
संगोष्ठी निदेशक प्रो. नीलम कोशिक ने बताया कि मुख्य अतिथि दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. योगानन्द शास्त्री, अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, मुख्य वक्ता वनस्थली विद्यापीठ विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. पेमा राम, विशिष्टा अतिथि इतिहासविद् प्रो. के.एस. गुप्ता होंगे।
इन पर मंथन : आयोजन सचिव डॉ. हेमेन्द्र चौधरी ने बताया कि दो दिनों में 1818 ई. की संधि एवं उसका प्रभाव, 1857 ई. की क्रांति की पृष्ठभूमि, राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति पर राष्ट्रीय नेतृत्व का प्रभाव, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जागरण, स्वामी दयानन्द सरस्वती एवं आर्य समाज का योगदान, राजनीतिक जागरण एवं राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की स्थापना का प्रभाव, राजस्थान में रियासती शासन के विरूद्ध किसान एवं आदिवासी आंदोलन, गांधी का राजनीति में प्रवेश और राजस्थान पर प्रभाव, किसान, आदिवासी आंदोलन में ब्रिटिश विरोधी स्वर, राजस्थान में गांधी जी के रचनात्मक कार्यक्रम, ब्रिटिश विरोध में गांधी जी के निर्देश पर राजस्थान में राजनीतिक संगठनों की स्थापना एवं उसकी गतिविधियां, 1942 ई. भारत छोड़ों आंदोलन एवं उसका प्रभाव, दोहरे शासन से मुक्ति एवं उत्तरदायी शासन हेतु संघर्ष, रियासत विलीनीकरण एवं स्वतंत्रता सैनानियों का योगदान विषय पर प्रतिभागी मंथन करेंगे।
यहां से आयेंगे : आयोजन सचिव डॉ. हेमेन्द्र चौधरी ने बताया कि संगोष्ठी में मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जयपुर, बिकानेर, चितौड़गढ़, जोधपुर, सीतामऊ, मालवा सहित देश भर के इतिहासविद् शिरकत करेंगे।
कविराव मोहन सिंह पर व्याख्यानमाला : जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में बुधवार को दोपहर 12.30 बजे कविराव मोहन सिंह चेयन की ओर से उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर व्याख्यानमाला होगी। रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने बताया कि मुख्य वक्ता आईदान सिंह भाटी होंगे तथा अध्यक्षता कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत करेंगे।