108 कलशों से पाद प्रक्षालन
उदयपुर। राष्ट्रसंत मुनि पुलकसागर का ससंघ का उदयपुर मंगल प्रवेश सोमवार सुबह सेक्टर 4 में हुआ। अध्यक्ष निर्मल कुमार मालवी ने बताया कि मुनिश्री के साथ मुनि प्रणीतसागर, ब्रह्मचारी देवेन्द्र भैया एवं अर्पित भैया भी थे।
मुनिश्री ससंघ का भव्य स्वागत सकल दिगंबर जैन समाज उदयपुर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों की ओर से किया गया। हंसा पैलेस से पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर तक शोभायात्रा के रूप में मुनिश्री ने ससंघ प्रवेश किया।
मुनि पुलकसागर जी का हंसा पैलेस के बाहर एक विशाल रेम्प बनाकर 54 थालियों में 54 जोड़ों द्वारा 108 कलशों से पाद प्रक्षालन किया गया। मुनि ने कहा कि उदयपुर एक ऐसा शहर है जहां मेरा बार-बार आने को जी चाहता है क्योंकि आज विश्व में मेरी जो पहचान है, वो 2008 के उदयपुर चातुर्मास के दौरान ही मुझे मिली। मुनिश्री ने कहा कि मैंने कई जगह चातुर्मास किये लेकिन यदि सबसे सुन्दर शहर का नाम जब भी आता है तो पहला नाम उदयपुर का होता है। मुनि को शहर में पधारने के लिए कई जगह से आये भक्तों ने श्रीफल भेंट किया। सम्पूर्ण प्रवेश कार्यक्रम का सुन्दर एवं सफलतम मंच संचालन निर्मल कुमार मालवी एवं डॉ. मोहनलाल नागदा ने किया। सांयकाल मुनिश्री के सानिध्य में आनंदयात्रा हुई एवं मुनिश्री की मंगल आरती का आयोजन हुआ। मुनिश्री का विहार कल सायं 5 बजे सेक्टर 11 के लिए होगा। 2 मार्च को मुनि हीरामन टावर स्थित चिंतामणि पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के दर्शन करेंगे। उसके बाद वे मुक्ताकाशी समवसरण के दर्शन करेंगे और प्रगति आश्रम सेक्टर 14 में आहार लेंगे।