अनुशासन के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता : भट्ट
दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आगाज
उदयपुर। प्राइमरी से लेकर पीजी तक सिर्फ डिग्रियां दी जा रही है लेकिन रोजगार नहीं दिया जा रहा है। सर्टिफिकेट वालों को स्किल और स्किल वालों को सर्टिफिकेट देने की आवश्यकता है। रोजगार के लिए युवाओं को स्किल देने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री का मेन इन इंडिया का सपना स्किल में बिना सफल नहीं हो सकेगा। मेक इन इंडिया, स्टार्ट, डिजिटल इंडिया, स्टार्टर, स्वच्छ भारत, स्किल इंडिया में इन सभी विषयों पर चर्चा करने से पहले देश को जगाना होगा। प्रोफेसर एवं प्रोफेशनल मिल कर प्रधानमंत्री के मेक इंडिया के सपने को पूरा कर सकते है उन्होने कहा कि इससे पहले देश के आम नागरिक के दिमाग को ठीक करने की जरूरत है और उसे टीचर ही ठीक कर सकता है क्योकि 65 साल की आजादी के बाद भी देश के प्रधानमंत्री को ये नारा देना पडे कि स्वच्छ भारत – यह हमारे लिए बहुत ही शर्म बात है। इसलिए कि 500 साल की गुलामी के बाद भी आज हमारा दिमाग ठीक नहीं है, आज चाईना एवं जर्मनी उन्नति के मामले में हमसे कई आगे है। उक्त विचार शनिवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के डिपोर्टमेंट ऑफ अकाउंटिंग तथा द स्ट्ीटयूट ऑफ कोस्ट एकान्टेन्ट्स ऑफ इंडिया नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मेक इन इंडिया: रोल ऑफ कॉमर्स ‘‘अकादमिक एवं व्यवसायिक ’’ विषयक पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन सत्र में एमडीएस विवि अजमेर के प्रो. कैलाश सोडानी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। उन्होने कहा कि हमारे हजारों साल का इतिहास बड़ा ताकतवर रहा है, हम गर्व करने की स्थिति में थे हम, जब एक समय था तब नालंदा एवं तक्षशीला में विश्व से लोग पढ़ने आते थे और वे अपने आप को गौरवांवित महसू करते थे और आज परिस्थितियां इसके विपरीत है आज अपने बच्चों को केम्ब्रिज में पढ़ता है तो गर्व महसूस करते है। इसको बदलने के लिए युवाओं की मानसिकता बदलनी होगी।
मुख्य अतिथि प्रो. एसके भट्ट : चेयरमैन एनआईआरसीएआई नई दिल्ली ने कहा कि शहरो का विकास होने से गांवों का पलायन हुआ। अगर आज से 40 वर्ष पहले पानी, बिजली एवं सड़क विकास गांवो में हुआ होता तो आज गांव खाली नहीं होते। आज शहर अधिक जनसंख्यॉ से परेशान है। इसलिए गांवों के विकास के साथ वहा के युवाओं के मन में काम के प्रति रूचि पैदा करनी होगी और बिना काम किये कुछ नहीं हो सकता।
आम व्यक्ति की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है : प्रो. कैलाश सोडानी ने कहा कि आज देश के आम नागरिकों की मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में बैंक का मैनेजर अपने बैंक में दो रुपए के पेन को धागे से बांध कर रखता है, बैंक कोई विदेशी नागरिक तो नहीं आ रहे है, केवल भारतीय ही आ रहे है तो वह यहा के नागरिकों की मानकिसता को जानता है’ – इसलिए इस मानसिकता को ठीक करने की जरूरत है। आयोजन सचिव प्रो. अनिता शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए दो दिवसीय सेमीनार की जानकारी दी। सेमीनार में आईसीएआई नई दिल्ली के प्रो. निरंजन मिश्रा, मुख्य वक्ता डॉ. सुभोदित रॉय : आईआईएम उदयपुर ने भी मेक इन इंडिया पर पीपीटी के माध्यम से विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. हीना खान ने किया जबकि धन्यवाद पायल शर्मा ने दिया।
समापन आज : आयोजन सचिव प्रो. अनिता शुक्ला ने बताया कि सेमीनार का समापन रविवार को प्रातः 11.30 बजे प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में होगा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि मोहिनी दलजीत सिंह, विशिष्ट अतिथि नारायण लाल जोशी, अनिल शर्मा, जीएल दवे होंगे तथा अध्यक्षता कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत होंगे।