उदयपुर। भागवत भूषण से विभूषित एवं अन्तर्राष्ट्रीय वैष्ण के पूर्व अध्यक्ष स्व पं. धरणीधर शास्त्री की तीसरी पुण्य स्मरण दिवस पर मेवाड़ गौरव विकास परिषद् एवं भट् मेवाड़ा समाज की ओर से कार्यालय पर पुष्पांलजि एवं स्मरणांजलि सभा का आयोजन किया गया।
भट्टमेवाडा समाज के डॉ. हरीश शर्मा ने बताया कि पंडित जी ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात में श्रीमद् भगवत पुराण की असंख्य कथा कर पुष्टिमार्ग और भारतीय संस्कृति की अक्षुण्ण परम्पराओं को आगे बढाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होने बताया कि पंडित जी को 18 हजार श्लोक कंठस्थ थे। इस अवसर पर मेवाड़ गौरव विकास परिषद् के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, कृष्णकांत कुमावत, डॉ. वृद्धा शर्मा, इन्द्रलाल मेनारिया सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।