ब्रेन स्ट्रोक पर पेसिफिक का एक और नया आयाम
देश के शीर्ष संस्थानों के मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ करेंगे शिरकत
उदयपुर। पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो सांइसेस की ओर से पेसिफिक मेडीकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में रविवार को एक्सटेन्डिग ऐक्सेस टू स्ट्रोक केयर फॉर ऑल विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा।
ब्रेन स्ट्रो क पर निरंतर काम कर रहे पेसिफिक मेडिकल कॉलेज का यह इस क्षेत्र में एक और नया आयाम है। पेसिफिक प्रबंधन का मानना है कि किसी भी तरह मरीज एक बार विशेषज्ञ के हाथों में पहुंच जाए। यदि नहीं पहुंच पाता है तो उसे तात्का लिक रूप से इतनी चिकित्सास मिल जाए ताकि वह विशेषज्ञों के पास पहुंचने तक सुरक्षित रह सके। इसलिए यह प्रयास किए जा रहे हैं।
वर्कशॉप के डायरेक्टर डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि देश भर में सभी न्यूरो सर्जन, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ और न्यूरो पुनर्वास विशेषज्ञों में हम न्यूरोलॉजिस्ट के साथ मस्तिष्क पक्षाघात के उपचार के क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं। इस वर्कशॉप के कोर्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें स्ट्रोक के दौरान मरीजों के घर से लेकर अस्पताल तक ट्रीटमेन्ट एवं देखभाल के सभी प्रासंगिक पहलुओं को कवर किया गया है। साथ ही स्ट्रोक के गैर इनवेसिव और कॉम्प्रिहेन्सिव प्रबंधन के दौरान होने वाली समस्याओं एवं स्थानीय परिस्थितियों के पहलुओं को भी शामिल किया गया है। इस कोर्स में चिकित्सा प्रबंधन शल्य चिकित्सा प्रबंधन और न्यूरो इन्टरवेन्षन के महीन पहलुओं को भी शामिल किया गया है।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि यह भी जानने का हिस्सा है और दुनिया भर में स्ट्रोक के रूप में परिधीय स्ट्रोक की देखभाल, प्राथमिक स्ट्रोक यूनिट की देखभाल और व्यापक स्ट्रोक केंद्र देखभाल की सुविधा के आधार पर हमारे अपने प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए यह बर्कषॉप अवसर प्रदान करेगी। साथ ही तेजी से बढती सूचना प्रौद्योगिकी के चलते इसके विवेकपूर्ण उपयोग हमारे रोगियों के विशाल बहुमत के निस्तारण में मदद करेंगे।
डॉ. वाजपेयी ने कहा कि इस एक दिवसीय बर्कषॉप में सात सेशन होंगे जिसमें पदमश्री अवार्ड से सम्मानित एम्स नई दिल्ली से डॉ.एम.वी.पदमा श्रीवास्तव, डॉ. शेफाली गुलाटी, डॉ. सूर्यकान्त दुबे, पीजीआई चण्डीगढ से डॉ. धीरज खुराना एवं कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी हॉस्पीटल मुम्बई से डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव न्यूरो स्ट्रोक से सम्बधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
डॉ. वाजपेयी ने बताया कि पीसीएनएस का मुख्य उद्धेश्यस सभी मरीजों को सबसे अच्छी एवं सबसे सस्ती उत्कृष्ट मेडिकल सेवा समय पर उपलब्ध कराना है। ये संस्थान सम्पूर्ण दक्षिणी राजस्थान में एक मात्र केन्द्र है जहां लकवे के मरीज 6 से 8 घण्टे में पहुंच जाए तो एन्जियोग्रॉफी करके मस्तिष्क के क्लॉट निकालने की सुविधा उपलब्ध है। सामान्यजनों में समुचित जानकारी के अभाव में मरीज देरी से आते है। ऐसे में मरीज को लाभ अधिक नहीं मिल पाता है। हालांकि देरी से आने वाले मरीजों को पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो सांइसेस में पूर्ण इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।
पीसीएनएस की सबसे बडी विशेषता है इसका बेहतरीन इंफ्रास्ट्रचर एवं दक्षिणी राजस्थान की सबसे बडी क्वालीफाइड न्यूरो चिकित्सकों की टीम साथ ही अस्पताल प्रबन्धन की सकारात्मक एवं ईमानदार सोच जिसके माध्यम से संस्थान हमेषा मरीजों को मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। इस कोर्स का आयोजन जन जागृर्ति अभियान के तहत लकवे एवं स्ट्रोक की बीमारी के बारे में सही जानकारी का प्रचार एवं प्रसार करना एवं लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करना है।
गौरतलब है कि देश में मृत्यु का दूसरा सबसे बडा कारण ब्रेन स्ट्रोक है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को अगर आम आदमी पढले तो 80 फीसदी स्ट्रोक रोगियों को बचाना संभव है। अगर ब्रेन स्ट्रोक के मरीज समय पर हॉस्पीटल पहुंच जाए तो मरीज की मैकेनिकल था्रेमबेक्टोमी तकनीक से बगैर चीरफाड के रोगी को जीवनदान दिया जा सकता है। इस डेढ घण्टे के प्रोसीजर को भारत में कुछ गिने चुने न्यूरोइंटरवेशन स्पेशलिस्ट ही कर रहे है। यह तकनीक अभी दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में स्ट्रोक के मरीजों के लिए उपलब्ध है।