मुख्य आयकर आयुक्त को सौंपा चेक
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक ने स्वर्ण जयन्ती लाभांश के कर के 2065 करो़ड़ रुपये का चेक मुख्य आयकर आयुक्त नीना कुमार को सौंपा। इस अवसर पर आयकर विभाग के अतिरिक्त आयकर आयुक्त ओपी कांठेड़ भी मौजूद थे।
नीना कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा विकास कार्यों में कर का महत्वपूर्ण योगदान है तथा प्रत्येक व्यक्ति व संस्थान को नियमित समय पर कर अदा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक द्वारा दिया गया लगभग 2065 करोड़ रु. का लाभांश कर वर्ष 2016-17 कर-लक्ष्य को प्राप्त करने में बेहद महत्वपूर्ण है जो कि उदयपुर सर्कल एवं राजस्थान के लिए गौरव की बात है।
हिन्दुस्तान जिंक की ओर से प्रतीक रूप में इस राशि को चेक के माध्यम से कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल, मुख्य वित्तीय अधिकारी अमिताभ गुप्ता, निदेशक प्रोजेक्ट्स-नवीन सिंघल, हेड-कोर्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने नीना कुमार एवं ओपी कांठेड़ को प्रदान किया।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक को गर्व है कि कंपनी ने स्वर्ण जयंती पर देश के इतिहास में किसी भी निजी कंपनी द्वारा अब तक का सर्वाधिक लाभांश भारत सरकार को दिया। दुग्गल ने बताया कि यद्यपि भारत में जस्ते का खनन 2500 वर्ष से अधिक पुराना है। उदयपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर जावर में खनन के प्रचीन रिटार्टस अब भी देखे जा सकते है। हिन्दुस्तान जिंक गेल्वेनाइजिंग की अन्य संभावनाओं को तलाष रहा हैं। इसमें से कार बॉडी एवं संरचानाओं में गेल्वेनाईजिंग का उपयोग शामिल है। इससे आम जनता को भरपूर लाभ होगा।
हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी अमिताभ गुप्ता ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक के शेयरधारकों के लिए कंपनी की स्वर्ण जयन्ती पर 30 मार्च 2016 को 1200 प्रतिशत लाभांश की घोषणा की थी। जिसके तहत प्रत्येक शेयरधारक को 2.0 रु. के प्रति इक्विटी शेयर पर 24 रु. मिलना तय हुआ है। लाभांश की कुल राशि, लाभांश कर सहित, लगभग 12,205 करोड़ रु. है। हिन्दुस्तान जिंक ने गत वर्ष 2015-16 में कुल लाभांश 2,225 करोड़ रु. में से केन्द्रीय कर के रूप में 542 करोड़ रुपये दिये थे।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने बताया कि हिन्दुस्तान ज़िंक के पास 375.1 मिलियन टन संसाधन एवं भण्डार मौजूद है जिसमें उच्च ग्रेड रिजर्व औसतन 11.5 प्रतिशत जस्ता-सीसा मौजूद है। कंपनी 2003 से लगातार संसाधनों एवं भण्डारों का विकास कर रही है तथा खदानों की 25 वर्ष की आयु है। हिन्दुस्तान जिंक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए कोयले पर आधारित 474 मेगावाट के कैप्टिव पावर स्थापना की है। इसके अतिरिक्त कंपनी के पास, 309 मेगावाट ग्रीन पावर, 274 मेगावाट पवन ऊर्जा सहित 35 मेगावाट वेस्ट हीट पावर मौजूद है। ज्ञातव्य रहे कि कंपनी के पास 18,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।