उदयपुर में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान
उदयपुर। जल संकट के स्थायी समाधान और गांवों को पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की पहल पर प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर जारी मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान राजस्थान के लिए जन अभियान बन चुका है। यह अभियान आशातीत सफलताओं के साथ अब जल अभियान की डगर पा चुका है।
गांव के लिए पानी की जरूरतों को पूरी करने के लिए चल रहा यह अभियान ग्रामीणों की अपनी पसंद का अभियान हो चला है जिसके प्रति ग्रामीणों का पक्का भरोसा जम गया है कि इससे उनके अपने गांव पानी के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे और बरसों की जल समस्या का समाधान इस बार की बरसात कर ही डालेगी।
ग्रामीणों में उत्साह अपार : यही वजह है कि अभियान के प्रति आम ग्रामीणों में बेहद आत्मीय भाव है और वे इसे अपना घर का काम मानकर पूरे उत्साह से हर तरह से भागीदारी निभा रहे हैं। ग्रामीणों को अभियान से आने वाले बदलाव और जल संरचनाओं की मजबूती से बहुत सी आशाएं और वे तन-मन-धन से खुद भी भागीदारी निभा रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
ग्राम्य भागीदारी आस-पास के गांवों के लिए भी प्रेरणा जगा रही है और स्वैच्छिक श्रमदान के प्रति जिले भर मेें खासे उत्साह का माहौल है। इसके अलावा सम्पन्न लोग, व्यवसायी और संपत्तिशाली लोग भी अभियान की विशिष्टताओं से अभिभूत होकर अपनी ओर से धनराशि, संसाधनों एवं तकनीक आदि का सहयोग देने में पीछे नहीं हैं। ़मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत उदयपुर जिले में अब तक कुल एक करोड़ 2 लाख 36 हजार 500 रुपए की धनराशि का सहयोग भामाशाहों से प्राप्त हो चुका हैै।
सहयोगियों का सम्मान : उदयपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में बहुआयामी सहयोग प्रदान करने वाली संस्थाआें, व्यवसायियों, प्रतिष्ठानों, उद्यमों और कंपनियों आदि के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करने की दृष्टि से उदयपुर नगर विकास प्रन्यास सभागार में आयोजित कार्यक्रम प्रोत्साहन एवं प्रेरणा जगाने वाला रहा। इसमें गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया, प्रमुख शासन सचिव रविशंकर श्रीवास्तव एवं जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने श्रीफल भेंट किया और उपरणा ओढ़ाकर प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायकगण, प्रधानगण तथा जिले भर के प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में अंशदान देने, इसके लिए प्रेरित करने, अभियान के अन्तर्गत जल संरक्षण गतिविधियों में उल्लेखनीय सहभागिता निभाने पर जहाँ ग्राम पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित किया गया वहीं विभिन्न उद्योगों एवं बैंकों को भी सम्मान प्रदान किया गया और उनकी उल्लेखनीय भागीदारी की जानकारी दी गई।
इसमें मावली क्षेत्र अन्तर्गत चंगेड़ी ग्राम पंचायत में जन सहयोग से 21 हजार की धनराशि का अंशदान प्रदान करने के लिए सरपंच, 10 हजार 400 रुपए का अंशदान देने के लिए वासनीकला के सरपंच और 11 हजार रुपए का अंशदान प्रदान करने के लिए सराड़ा पंचायत समिति अन्तर्गत निम्बोदा ग्राम पंचायत के सरपंच को सम्मानित किया गया।
अभियान में एक लाख रुपए नगद सहयोग पर खेतान इण्डस्ट्रीज खेरवाड़ा के केदारनाथ खेतान, 5 लाख रुपए खर्च कर कुमटा मगरा एनिकट का कार्य हाथ में लेने पर महावीर ट्रेडिंग कंपनी (अरावली माईन्स) सलूम्बर, 7.5 लाख की लागत से कालीघाटी एनिकट का काम हाथ में लिए जाने पर ईडाणा माता ट्रस्ट सलूम्बर, 10 लाख की लागत से पिपली एनिकट कार्य कराने के लिए ग्रीन मार्बल एसोसिएशन ऋषभदेव, 10 लाख रुपए की धनराशि वाले तराला एनिकट का काम कराने के लिए ज्योति मार्बल्स कीकावत, 17.69 लाख के बारां एनिकट का काम कराने के लिए हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड-वेदान्ता ग्रुप को, 13.73 लाख की लागत से कोटड़ा क्षेत्र के मेवाड़ों का मठ ग्राम पंचायत स्थित कादर का नाका गांव में एनिकट सफाई एवं सुदृढ़ीकरण के लिए वॉलकेम इण्डिया लिमिटेड उदयपुर, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के लिए एक करोड़ रुपए का नगद सहयोग देने के लिए आरएसएमएम लिमिटेड उदयपुर, 25 हजार रुपए का सहयोग प्रदान करने पर यस बैंक उदयपुर, 50 हजार रुपए की धनराशि का सहयोग देने के लिए पंजाब नेशनल बैंक, उदयपुर तथा तलावड़िया एनिकट के लिए 14.71 लाख की धनराशि का सहयोग देने पर गोलछा एसोसिएशन सराड़ा और झल्लारा क्षेत्र में एनिकट निर्माण के लिए हवेली मार्बल झल्लारा को सम्मानित किया गया।
उदयपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविचल चतुर्वेदी बताते हैं कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रति जन भागीदारी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है और संस्थाएं, उद्यमी और आम लोग तन-मन-धन से स्वैच्छिक भागीदारी निभाने में आगे आ रहे हैं जिससे अभियान को संबल प्राप्त हुआ है।
डॉ. दीपक आचार्य
उप निदेशक (सूचना एवं जनसंपर्क)