देवर-ससुर ने मार डाला
उदयपुर। फलासिया थानांतर्गत गत 25 अप्रेल को आग लगने से मृत व्यिक्ति के मिले कंकाल के मामले में पुलिस ने हत्याा का पर्दाफाश करते हुए दो जनों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्रा प्रसाद गोयल ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा के निर्देशन में झाड़ोल डिप्टीद भोमाराम, झाड़ोल थानाधिकारी वरदीचंद, फलासिया थानाधिकारी दलपतसिंह आदि की गठित टीम ने जांच की। जांच में पता चला कि जगदीश बरण्डा निवासी निचली सिगरी की पत्नी नानुडी 24 अप्रेल सुबह 4 बजे घर से गायब है। पूछताछ में पता चला कि 25 अप्रेल को सुबह 4 बजे नानुड़ी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। तथा मृतका के ससुर लखमा पिता थावरा एंव देवर राजु पिता लखमा को मौके पर देखा गया था। दोनों से गहन पूछताछ की गई। बताया गया कि नानुडी काफी समय से पागलपन अवस्था में थी। आये दिन घर पर देवर के बच्चों के साथ झगडा करती रहती थी। 23 अप्रेल को भी झगड़ा किया था। सुबह देवर राजू के साथ गाली-गलौज की तब राजू ने लकड़ी की सिर में मारी। वह नीचे गिर गई व चिल्लाने लगी तो गला दबा दिया। राजू का पिता लखमा भी आ गया। दोनों ने कपड़े का झोला बनाकर लाश को दूसरे मकान के पास डागले के नीचे रखकर आग लगा दी व घर आ गये। सुबह आग का हल्का होने पर वापस मौके पर गये तथा अधजली लकडियां मौके पर थी उन्हें भी उपर डाल दी जिससे लाश पूरी जल गई। फिर दिन भर हमेशा की तरह काम किया। मृतका का पति जगदीश दूसरे गांव में होने से लडकों के मां नहीं मिलने पर फोन किया। वह घर आया व नानुडी को ढूंढता रहा। राजु को चढ़ोतरे की आशंका पर सुबह 4 बजे पड़ोसी को बुलाकर ट्यूबवेल की मोटर निकलवा छुपा दी। घर का सामान समेट लिया व सुबह होने पर मौतबिर लोगों के पास जाकर सूचना दी कि डागंले के निचे हड्डिया व खोपडी पडी है। लोगों ने पुलिस में रिपोर्ट करने को कहा। दोनों बाप-बेटे (राजु-लखमा) ने नानुडी की हत्या कर शव को जला दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।