पिछोला झील पर श्रमदान
उदयपुर। झील संरक्षण योजना में बारी घाट पिछोला सहित कई जगह हुए निर्माण में गुणवत्ता नहीं है। बारी घाट पर पत्थरों के टुकड़े केमिकल से चिपकाकर पिलर बनाये है जो ज्यादा दिन नहीं चलेंगे। घाट की सीढियां आज भी टूटी फूटी है। स्मार्ट और अमृत योजना में होने वाले निर्माणों में भी यही हाल रहा तो उदयपुर कभी स्मार्ट शहर नहीं बन सकेगा।
यह चिंता रविवार को श्रम दान संवाद में डॉ अनिल मेहता, तेजशंकर पालीवाल तथा नन्द किशोर शर्मा ने व्यक्त की। आयोजन झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति और डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट की और से किया गया। श्रमदानियों ने घाट पर बिखरी शराब की बोतलों, प्लास्टिक, पॉलीथिन, मृत जीव, फटे पुराने कपडे तथा बदबू पैदा कर रही शौच को हटाया। झील से खरपतवार, सड़े मांस से भरी थैलियां इत्यादि को हटाया गया एवं स्थल को साफ स्वच्छ किया गया। रमेश चंद्र राजपूत, रामलाल गहलोत, मानव सिंह, मोहनसिंह चौहान, दुर्गा शंकर पुरोहित, गरिमा, हर्षुल, लखन, हितेश ने श्रमदान किया।