जेएसजी उमंग व संगिनी जेएसजी उमंग का पदस्थापना समारोह
उदयपुर। जैन सोश्यल ग्रुप उमंग व संगिनी जैन सोश्यल ग्रुप उमंग का वर्ष 2016-17 का 7 वां पदस्थापना समारोह रानी रोड़ स्थित रोटरी बजाज भवन में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि समाज सेवी किरणमल सावनसुखा व विशिष्ठ अतिथि पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त बीपी जैन थे जबकि शपथ प्रदाता चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट ओपी चपलोत थे।
समारोह को संबोधित करते हुए सावनसुखा ने कहा कि जेएसजी ने जैन समाज के भटकते युवाओं को एकजुट करने का कार्य किया है। बाहर से भले ही हम जैन समाज के कहलाते है,पैसा वाला समाज कहलाता है लेकिन में आन्तरिक स्थित पर विचार करना चाहिये। इस अवसर पर बी.पी.जैन ने कहा कि मानव की उन्नति के लिए अभिभावकों का योगदान महत्वपूर्ण होता है, इसलिये उनके योगदान को आजीवन याद रखकर उनका सम्मान करना चाहिये।
नवीन कार्यकारिणी ने ली शपथ- शपथ प्रदाता ओपी चपलोत वर्ष 2016-17 के लिए जेएसजी उमंग की नवीन कार्यकारिणी के अध्यक्ष सुशीम सिंघवी, सचिव भूपेन्द्र नागौरी, आशीष बांठिया, अमित दोशी, नितुल चण्डालिया, रवि बारोला, शरद कारवंा सहित पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्यों को शपथ दिलायी।
संगिनी जेसीजी उमंग ने ली शपथ- अध्यक्ष प्रेम दक, सचिव कविता बोहरा सहित नवीन कार्यकारिणी को ओ.पी.चपलोत ने शपथ दिलायी।
नये सदस्यों ने ली शपथ- जेएसजी उमंग के साथ आज जुड़े राजेश भादविया,दिनेश जैन, दिनेश हूमड़, हितेश जैन,विकास लोढ़ा, आशीष मेहता, विकास जैन, अजित छाजेड़,सौरभ सिंघवी,पंकज सोनी, अंकुश डांगी सहित 26 नव दम्पत्तियों को ओ.पी.चपलोत ने शपथ दिलाकर ग्रुप की सदस्यता ग्रहण करायी।
नव निर्वाचित अध्यक्ष सुशीम सिंघवी ने कहा कि गत वर्ष किये गये सेवा कार्यो की भंाति इस वर्ष भी सेवा कार्य कर ग्रुप को नई उंचाईयों पर पंहुचाने का प्रयास किया जाएगा। संगिनी की अध्यक्ष प्रेम दक ने कहा कि 52 वर्ष पूर्व मात्र 3 सदस्यों के साथ शुरू हुए इस ग्रुप में आज 65 हजार दम्पत्ति जुड़े हुए हॅै। जो इसकी सफलता का परिचायक है।
प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुन्दरलाल दक ने कहा कि जेएसजी जैन समाज के संस्कारी परिवारों का एक संगठन है। यह संगठन भगवान महावीर के जीयो ओर जीने दो के सिद्धान्त का अक्षरश: पालन करता है। इस अवसर पर मोना कांरवा ने मातृ दिवस पर भक्ति गीत की प्रस्तुति दी। प्रारम्भ में ग्रुप के सदस्यों ने णमोकार मंत्र का जाप कर कार्यक्रम की शुरूआत की। अंत में भूपेन्द्र नागौरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन आलोक पगारिया ने किया।