तेरापंथ साध्वी कीर्तिलता ठाणा 4 का स्वागत
उदयपुर। साध्वी कीर्तिलता ने कहा कि संतों के दर्शन से प्रगति के द्वार खुलते हैं। संत तो समाजजनों सहित देशवासियों को जागृत करने का प्रयास करते हैं। दो तरह के फूल होते हैं। बाह्य फूल तो खिलता और मुरझा जाता है लेकिन आंतरिक श्रद्धा के फूल को धर्मरूपी पानी की आवश्यकता होती है, वह संतों के माध्यम से प्राप्त होती है।
साध्वी कीर्तिलता रविवार सुबह महाप्रज्ञ विहार में उनके सम्मान में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से आयेाजित स्वागत समारोह को संबोधित कर रही थीं। आचार्य महाश्रमण के निर्देशानुसार इस वर्ष उदयपुर में उनका चातुर्मास होगा।
साध्वी कीर्तिलता ने कहा कि संतों, शिक्षक और सैनिकों से ही देश का मान है। संत सही रास्ता नहीं दिखाए, शिक्षक संस्कार नहीं दें और सैनिक सीमा पर राष्ट्र की रक्षा नहीं करे तो देश नहीं बच सकेगा। स्वकल्याण के साथ परकल्याण के लिए संतों का आगमन होता है। अतिथि स्वागत तो भारतीय परंपरा है। साध्वी शांतिलता ने कहा कि अपने घर पहुंच गए। आपका तो एक ही घर है लेकिन हमारा तो प्रतिवर्ष घर बदलता है। आज हम आपके यहां स्वतः पहुंचे हैं तो आप भी हमारे घर आएं। उन्होंने कहा कि प्रातःकालीन आगम प्रवचन में सभी समाजजन अपनी उपस्थिति आवश्यक रूप् से दर्ज कराएं। साध्वी पूनमप्रभा और साध्वी श्रेष्ठप्रभा ने साध्वी कीर्तिलता के आगमन को तेरापंथ आध्यात्मिक हॉस्पिटल की संरचना देते हुए कहा कि यहां प्रत्येक बीमारी का इलाज है। किसी को जप और तप से तो किसी को देव दर्शन से लाभ हो जाएगा। बीमारियों का उपचार साध्वी कीर्तिलता बताएंगी।
स्वागत उद्बोधन में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि उदयपुर समाज का सौभाग्य है कि वर्ष भर में कुछ समय छोड़ दें तो कोई न कोई चारित्रात्माएं यहां विराजित रहती ही हैं। गत वर्ष राकेश मुनि का चातुर्मास हुआ था। उनके प्रस्थान के बाद भी कई चारित्रात्माओं का आगमन होता रहा। सभा की ओर से उन्होंने विश्वास दिलाया कि चातुर्मास में जो भी आदेश होगा, वह पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि साध्वी श्री कीर्तिलता साध्वीवृंदों सहित 31 मई को ज्योतिनगर, 1 जून को सौ फीट रोड, दो जून को आदर्शनगर, 3, 4 व 5 जून को बाबेल निवास में विराजित रहेंगी। 5 जून को विज्ञान समिति में तेरापंथ महिला मंडल की ओर से दंपती शिविर होगा।
आरंभ में तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष चन्द्रा बोहरा, अणुव्रत समिति कार्यकारी अध्यक्ष अरूण कोठारी ने स्वागत उद्बोधन दिया। तेरापंथ कन्या मंडल की बालिकाओं ने स्वागत गीतिका प्रस्तुत की वहीं तेरापंथ महिला मंडल की ओर से भी गीतिका प्रस्तुत की गई। संचालन सभा के मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने व्यक्त किया।