मंच पर उतर आई प्रताप गाथा
उदयपुर। मदन-लीला परिवार सेवा संस्थान् एवं नादब्रह्म के संयुक्त तत्वावधान तथा इतिहास विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्ववविद्यालय के सहयोग से शिवराज सोनवाल द्वारा निर्देशित नाटक प्रणवीर प्रताप का मंचन हुआ।
नाटक में प्रताप के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों को दर्षाया गया जिसमें प्रताप के प्रण से उनकी मृत्यु तक के घटनाक्रम को दिखाया गया। प्रताप की साथी सरदारों से चर्चा व दैवीय घोषणा के उपरांत सामंतों का संकल्प कि हम मातृभूमि की अंतिम सांस तक रक्षा करेंगे। नाटक के माध्यम से प्रताप चरित्र के साथ मातृभूमि के रखवालों की निष्ठा व स्त्री का सुहाग व पुत्र से बड़ा कर्तव्य जन्मभूमि की रक्षा बताया गया।
इस नाट्य मंचन की विशेषता यह रही कि प्रताप के सारे दृश्यद मंचित किये गये जबकि अकबर के दरबार को सिनेमा की तरह पर्दे पर दिखाया गया। निर्देशक शिवराज सोनवाल की इस परिकल्पना के ताने बाने से बुनी प्रयोगात्मक प्रस्तुति को देखना दर्शकों के लिये भी अनूठा अनुभव रहा। प्रताप बने नवीन जिनगर ने जैसे ही मंच पर प्रताप की प्रतिज्ञा का अपनी दमदार आवाज़ में उद्घोष किया सभागार में बैठे दर्शकों में भी जोश भर गया। और फिर दृष्यों का प्रवाह ऐसा बहा कि दर्शक एकटक मंच को निहारते रहे। नाटक में अकबर की भूमिका वरिष्ठ रंगकर्मी सतीश आशी ने निभाई। प्रताप की पटरानी अजबदे के चरित्र में काजल वर्मा ने अपने मंजे हुए अभिनय से दर्शकों का मन मोहा। उदयसागर की पाल पर राजा मानसिंह, कुंवर अमरसिंह और भीमसिंह डोडिया के बीच हुई कहासुनी का दृश्या अत्यधिक प्रभावी बन पड़ा जिसमें मानसिंह के रूप में हरिकृष्ण सियाल, अमरसिंह के रूप में रवि सेन और भीमसिंह के रूप में सतीश आशी का अभिनय अत्यन्त विश्वासनीय रहा। अन्य किरदारों में शक्तिसिंह-अमित व्यास, राणा पूंजा- फतहसिंह राठौड़, भामाशाह – रमेश नागदा, हक़ीम खां, प्रशांत पुरोहित, जैतसिंह-कुशाग्र सरूपरिया एवं राजपूत सरदारों की भूमिका में रमेश नागदा, विजयसिंह गुर्जर, घनश्या-म सिंह सोलंकी, गजेन्द्र सिंह राजावत, आदि कलाकारों का अभिनय सराहनीय रहा। मंच पार्श्वे में महेश आमेटा का लेखन, संगीत निर्देशन, गायन, रूपसज्जा, वेशभूषा आदि बहुआयामी प्रतिभा ने नाटक को बखूबी निखार दिया। प्रकाश परिकल्पना व मंच सज्जा संदीप सेन की थी।प्रणवीर प्रताप में सिनेमेटोग्राफर कैलाश पालीवाल ने अकबर दरबार के दृश्यथ कैमरे से पर्दे पर बहुत कुशलता से प्रस्तुत किये।