राजस्थान विद्यापीठ एकेडमिक कोन्सिल की बैठक
बीएससी एवं कौशल विकास पर डिप्लोमा कोर्स इसी सत्र से प्रारंभ
उदयपुर। घर बैठे दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से छात्र ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्र को कोर्स कर सकेगा। विश्वविद्यालय में बीएससी (विज्ञान) तथा एमएससी ऑर्गेनिक केमिस्ट्री इसी सत्र से शुरू किया जा रहा है। योग में डिप्लोमा के साथ स्नातकोत्तर (एमए) भी इसी सत्र से प्रारम्भ किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित नये बीए बीएड, एमपीएड भी इसी सत्र से प्रारंभ किए जाएंगे। यह निर्णय जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वरविद्यालय की ओर से गुरूवार को कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत की अध्यक्षता में आयोजित एकेडमिक कोन्सिल की बैठक में लिया गया। उन्होंने बताया कि जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय के अन्तर्गत संचालित ग्रामीण अंचल के सभी सामुदायिक केन्द्रों तथा विश्वविद्यालय के सभी विभागों में रोजपगार परक पाठ्यक्रम (कौशल विकास) शुरू किए जा रहे है। यूजीसी के नियमानुसार च्वाइस आधारित क्रेडिट प्रणाली में पीजी लेवल पर शुरू की जा रही है। इसमें छात्र अपने विषय के अतिरिक्त दो विषय जिसमें उसकी रूचि हो जो उस विश्वविद्यालय में पढाये जा रहे हैं को चुन सकेंगे।
प्रो. जीएम मेहता ने बताया कि बैठक में प्रो. पीसी दोषी, प्रो. मुक्ता शर्मा, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. जेएस खरकवाल, डॉ. धीरज जोशी, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, प्रो. नीलम कौशिक, डॉ. देवेन्द्र आमेटा, डॉ. पारस जैन, डॉ. सत्यभूषण नागर, चन्द्रेश छतलानी, युवराज सिंह राठौड़, सहित प्रोफेसर एवं रीडर उपस्थित थे जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय हुए।
ये भी निर्णय : प्रो. जीएम मेहता ने बताया कि पूर्व कुलपति प्रो. केके वशिष्ठ को दीक्षान्त समारोह में डीलिट की उपाधि से नवाजा जायेगा। बीएससी एग्रीकल्चर के स्थान पर बीएससी एग्रीकल्च्र ऑनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी। साथ ही उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क में आनलाइन प्रवेश की प्रक्रिया करने सम्बन्धी तथा एल्युमिनाई को विशेष कक्षा लेने हेतु आमंत्रित किया जाएगा।