अहिंसापुरी वाचनालय में आध्यात्मिक प्रवचन
उदयपुर। तेरापंथी साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 ने कहा कि हवा ने दीपक से कहा कि तुम्हारा जीवन तो क्षण भंगुर है फिर क्यों तिल तिल जल रहे हो। दीपक ने कहा कि हजारों वर्ष तक अंधकार में रहने के बजाय दो क्षण के लिए प्रकाशमान होना अच्छा है, यही मेरा लक्ष्य है। हमें भी अपने जीवन में लक्ष्य बनाकर जीवन जीना चाहिए।
वे चातुर्मास पूर्व शहर के उपनगरों मंे प्रवास के दौरान रविवार को अहिंसापुरी स्थित वाचनालय में धर्मसभा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि चाहे कितने ही कष्ट सहन करने पड़ें लेकिन अपना लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। विपत्ति दुश्मन नहीं मित्र है। अच्छे-बुरे की पहचान कराती है। शिल्पकार के हाथ में गया पत्थर मूर्ति बन जाता है फिर उस मूर्ति को कोई ठोकर नहीं मारता। राह का पत्थर बनना अच्छा है या मूर्ति का पत्थर बनना, अपने हाथ में है। अंतर्मुखी बनने का प्रयास करें। जितना अंतर्मुखी बनेंगे अपने लक्ष्य के नजदीक पहुंचेंगे।
साध्वी शांतिलता ने आरंभ में प्रेक्षाध्यान के प्रयोग कराते हुए कायोत्सर्ग कराया। उन्होंने शलाका पुरुष की जानकारी देते हुए कहा कि 63 शलाका पुरुष होते हैं। ये सभी मोक्षगामी होते हैं। श्रीकृष्ण का भाग्य कुछ मंद था क्योंकि न तो जन्म के समय शहनाई बजी और न ही मृत्यु के समय कोई शोक मनाने वाला था। कर्मबंधन को तोड़ने का प्रयास करें। महापुरुष वे होते हैं जो तपस्वी की सारी व्यवस्थाएं कर देते हैं। श्रीकृष्ण ने तीर्थंकर नाम गोत्र का बंधन किया।
साध्वी श्रेष्ठप्रभा ने कहा कि पति और पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं। इंसान में मानवता, करूणा, दया नहीं रही। भौतिक सुख सुविधाओं को लेकर पैसे के पीछे वह इतना पागल हो चुका है कि भगवान का बताया रास्ता भी भूल गया। प्रमाद में डूबकर धर्म को भी हवा में उड़ा रहा है। मनुष्य जन्म बड़ी मुश्किल से मिलता है। समय सभी के पास उतना ही है जितना बड़े महापुरुषों के पास होता है। जरूरत है उस समय का सदुपयोग करने की। साध्वी पूनमप्रभा ने सुंदर गीतिका की प्रस्तुति दी।
तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष दीपक सिंघवी एवं मंत्री अजीत छाजेड़ ने अपने कार्यकाल के वार्षिक प्रतिवेदन की प्रथम प्रति साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 को सौंपी। साध्वी श्री ने दोनों पदाधिकारियों को मंगल पाठ सुनाया।
सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि 13 जुलाई को रूपचंद डागलिया के निवास से विहार कर चातुर्मासिक प्रवेश बिजौलिया हाउस में होगा।
तेरापंथी सभा के मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने साध्वीवृंदों के आगामी कार्यक्रमों के बारे में बताया कि 27 जून को ख्यालीलाल कंठालिया, 28 को संपत बड़ाला, 29 को रूपलाल डागलिया, 30 को कमल-लक्ष्मी कोठारी, 1 जुलाई को सुरेश पोरवाल, 2 को शांतिलाल एवं 3 जुलाई को विज्ञान समिति में समारोह के बाद प्रशांत बोहरा के यहां प्रवास रहेगा। अहिंसापुरी समाज के मिश्रीलाल लोढ़ा ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का आगाज साध्वी पूनमप्रभा के नमस्कार महामंत्र से हुआ।