आचार्य श्री महाप्रज्ञ का जन्मदिवस मनाया प्रज्ञा दिवस के रूप में
उदयपुर। साध्वी श्री कीर्तिलता ठाणा-4 ने कहा कि आज चंद पैसे के टुकड़ों के लिए अपने संस्कार बेच रहे हैं। विज्ञापन संस्कृति हावी हो रही है। आचार्य महाप्रज्ञ को महान बनने के लिए किसी विज्ञापन का सहारा नहीं लेना पड़ा। वे अपने कर्मों से महान बने।
वे रविवार को विज्ञान समिति में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से आचार्य महाप्रज्ञ के जन्मदिवस पर आयोजित प्रज्ञा दिवस के समारोह को संबोधित कर रही थीं। मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी थे। विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल थे।
साध्वी श्री ने कहा कि चंदन सूखता है लेकिन शीतलता रहती है। व्यक्ति के मिटने पर भी उसका व्यक्तित्व अमर रहता है। प्रेक्षा प्रणेता श्री महाप्रज्ञ का भी ऐसा ही व्यक्तित्व है। आचार्य महाप्रज्ञ में तीन प्रमुख बातें थी जो उन्हें महान बनाती हैं। मानवता, चिंतन में उदारता और सफलता में विनम्रता। लोग दूर-दूर से उनसे ज्ञान लेने आते थे। जीवन में सफलता हासिल की लेकिन गुरु के प्रति समर्पण और विनम्रता ऐसी रही कि गिने-चुने गुरु शिष्यों का सम्बन्ध ही लोगों को याद है। आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ के गुरु शिष्य का सम्बन्ध जन्मों-जन्म तक याद रहेगा। गुरु ने जो कहा, वही किया। उनकी आज्ञा का कभी उल्लंघन नहीं किया। विनम्रता के आधार पर आप सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ के बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दीया दिखाना है। वे ऐसे पुरुष थे जिनसे ज्ञान की बातें सीखने दूर-दूर से लोग आते थे। व्यक्ति के मिटने पर भी उसका व्यक्तित्व अमर रहता है। आचार्य महाप्रज्ञ ऐसे ही प्रज्ञा पुरुष थे।
विशिष्ट अतिथि एसपी गोयल ने कहा कि मुझे भी सीरियारी सहित विभिन्न थाना क्षेत्रों में अपनी पोस्टिंग के दौरान आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ और आचार्य श्री महाश्रमण के दर्शन लाभ का मौका मिला। निश्चय ही यह कह सकता हूं कि दिन भर की भाग दौड़ के बाद जब संतों की वाणी सुनें तो यह महसूस होता है कि आखिर यह भाग दौड़ किसके लिए और क्यों।
तेरापंथी सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने आचार्य महाप्रज्ञ का जीवन परिचय देते हुए बताया कि किस तरह नत्थू मुनि नथमल से युवाचार्य महाप्रज्ञ और फिर आचार्य महाप्रज्ञ बने। आचार्य तुलसी के मार्गदर्शन में गरीब की झोंपड़ी से राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय किया और आज वे हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके दिए आदर्श, प्रेक्षाध्यान के प्रयोग कर हम अपने जीवन को सफल बना रहे हैं।
कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य लहरसिंह सिरोया ने भी कार्यक्रम में साध्वीवृंदों के दर्शन लाभ किए। उन्होंने कहा कि करीब 45 वर्ष पूर्व कर्नाटक जाने के बाद भी मेवाड़ और जैन समाज के संस्कार इतने रहे कि आज के युग में इतनी प्रदूषित राजनीति होने के बावजूद खुद को अलग मकाम पर खड़ा कर पाया।
साध्वीवृंदों साध्वी पूनमप्रभा, साध्वी शांतिलता और साध्वी श्रेष्ठप्रभा ने बच्चियों के साथ मिलकर महाप्रज्ञ न्यूज का लाइव प्रसारण जीवंत किया। आरंभ में तेरापंथ किशोर मंडल के दीपक मेहता एवं समूह ने मंगलाचरण किया। तेरापंथ युवक परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राकेश नाहर ने अपनी नवगठित कार्यकारिणी की जानकारी दी। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष चन्द्रा बोहरा ने गीतिका प्रस्तुत की। तेरापंथ युवक परिषद के राकेश चपलोत एवं समूह ने गीत प्रस्तुत किया।
सभा के मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने आभार व्यक्त करते हुए साध्वी वृंदों के कार्यक्रम के बारे में बताया कि 4 जुलाई को न्यू अशोक विहार, 5 को जयश्री कॉलोनी, 6 को अशोकनगर, 7 से 11 जुलाई तक आनंद नगर में विराजित रहेंगी। 12 जुलाई को अशोकनगर स्थित डालंचद डागलिया के निवास पर और 13 जुलाई को सुबह 8 बजे अहिंसा यात्रा के रूप् में बिजौलिया हाउस के लिए रवाना होंगी जहां 9.05 बजे तेरापंथ भवन पहुंचकर चातुर्मासिक प्रवेश करेंगी।