उदयपुर। अजमेर-चित्तौड़गढ़ खंड स्थित आदर्शनगर स्टेशन के समीप उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक अनिल सिंघल तथा केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन महाप्रबंधक महेश मंगल ने अजमेर-उदयपुर रेल खण्ड के विद्युतीकरण कार्य का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर एम. हुसैन मुख्य विद्युत इंजीनियर उत्तर पश्चिम रेलवे, मुश्ताक अहमद, मुख्य परियोजना निदेशक/रेल विद्युतिकरण जयपुर तथा मण्डल रेल प्रबंधक पुनीत चावला, अपर मण्डल रेल प्रबंधक आरके मूंदड़ा सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
aअजमेर- उदयपुर खण्ड का विद्युतिकरण का कार्य केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन द्वारा किया जायेगा। भारतीय रेल के सम्पूर्ण नेटवर्क के विद्युतीकरण का दायित्व केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन के पास है। इस खण्ड की कुल लम्बाई 294.49 किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट की अनुमामित लागत 314.28 करोड़ है। परियोजना को वर्ष 2015-16 में स्वीकृत किया गया। 19 अप्रेल को टेंडर खोले गए तथा कार्य दिसम्बर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य है। मार्ग में 6 ट्रैक्शन सब स्टेशन, झाड़वासा, सरेरी, हमीरगढ़, घोसुन्दा, मावली तथा उदयपुर होंगे।
अजमेर मंडल पर इस खंड के अतिरिक्त दिल्ली- अहमदाबाद खंड पर भी विद्युतीकरण का कार्य जारी है। रेल विकास निगम लि. के द्वारा इस रेल मार्ग के विद्युतीकरण के अन्तर्गत रानी-पालनपुर खण्ड का विद्युतिकरण का कार्य किया जा रहा है। हाल ही में 28 जून को रानी-पालनपुर खण्ड के आबूरोड स्टेशन के पास हाई राईज रेल विद्युतीकरण के खम्बा रोपण का शुभारम्भ किया गया जो डबल स्टेक कन्टेनर के लिए भी उपयुक्त है तथा भारतीय रेल्वे में प्रथम बार हुआ।
रेल विद्युतीकरण के फायदे :
डीजल इंजन नहीं होने से धुंए से वातावरण प्रदूषित नहीं होता। रेल विद्युतीकरण शोर और वायु प्रदूषण को कम करने सहायक होता है।
यात्री तथा मालपरिवहन तीव्र गति से होता है।
ट्रेक की क्षमता बढती है अर्थात गाडियों की संख्या में बढोतरी संभव है।
रेल विद्युतीकरण के माध्य्म से ऊर्जा संरक्षण होता है।
रेल विद्युतीकरण के फलस्वरूप डीजल के खपत की बचत होती है।
रेल विद्युतीकरण के फलस्वरूप भारी माल गाडि़यों और लम्बी गाडि़यों का वहन संभव है।
गति के परिपेक्ष में ट्रेक की क्षमता बढ़ती है।