भारतीय जैन संघटना की प्रदेशस्तरीय मीटिंग
उदयपुर। आज का युग स्पर्धा का नहीं बल्कि साथ चलने का है। कॉलोब्रेशन करके व्यापार करने का है। बीजेएस ऐसे ही 500 प्रोफेशनल्स एवं वालंटियर्स के सहयोग से चल रहा है। संघटना की फिलोसॉफी ही यह है कि राष्ट्र निर्माण में मिल जुलकर समग्र समाज के विकास के लिए काम करें।
ये विचार भारतीय जैन संघटना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रफुल्ल पारीख ने व्यक्त किए। वे रविवार को शौर्यगढ़ रिसॉर्ट में आयोजित पहली राज्यस्तरीय मीटिंग को मुख्य वक्ता के रूप् में संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी थे।
पारीख ने कहा कि यह कहते हुए बड़ा हर्ष है कि जैन समाज संख्या में मात्र .36 प्रतिशत यानी करीब 128 करोड़ में 42 लाख होते हुए भी 50 लाख से अधिक लोगों के विकास में सहभागी बन रहा है। जहां न जाए बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी जैसी पुरानी कहावतें बनीं तो उसके पीछे कोई न कोई लॉजिक जरूर रहा। अपॉर्च्यूनिटीज़ को इन्केश करना हमारे पूर्वजों में भी था जो हम में भी है। चैलेंज को स्वीकार करना हमारे खून में है। हम आसान काम नहीं करते बल्कि कठिन काम को हाथ में लेकर उसे आसान बनाते हैं। हम जहां जाते हैं, वहां की भाषा, रीति-रिवाज, पहनावा सब कुछ अपने आप में ढाल लेते हैं और वहां के हो जाते हैं लेकिन फिर भी अपनी जड़ों को नहीं भूलते। 1985 में 31 वर्षीय शांतिलाल मूथा ने देश को कुछ देने के लिहाज से अपने साथियों के साथ मिलकर काम किया और फिर उसे संगठन का रूप् दिया जो आज आपके सामने भारतीय जैन संघटना के रूप् में खड़ा है। उस समय दहेजरूपी दानव समाज के सामने यक्ष प्रश्न के रूप् में खड़ा था। उस समय श्री मूथा ने सामूहिक विवाह का सृजन किया और जैन समाज में सामूहिक विवाह आरंभ हुए। लेकिन यह कुरीति सिर्फ जैन समाज में ही नहीं बल्कि सभी समाजों में थी। इसे क्रमशः बाद में सभी समाजों ने अपनाया।
मूथा की सोच है कि कुछ व्यक्तियों के लिए नहीं बल्कि समग्र के लिए काम किया जाए जिसका लाभ उसे मिले। युवाओं को संस्कार कहां से दिए जाएं। उसकी प्रथम पंक्ति स्कूल को उन्होंने पकड़ा। पिछले कुछ वर्षों से मूल्य आधारित शिक्षा पर बीजेएस काम कर रहा है। अपनी सोच लागू की, उसका देश के बाहर से विशेषज्ञ बुलवाकर असेसमेंट करवाया और फिर उसे अपने स्तर पर सरकार से अनुमति लेकर कुछ स्कूलों में लागू किया। एनसीईआरटी से अनुमति लेकर उसमें सुधार किया और अब महाराष्ट्र सरकार के साथ एमओयू कर वहां के स्कूलों में एक पीरियड मूल्य आधारित शिक्षा का होगा। गोआ सरकार के साथ एमओयू हो चुका है और अगला नम्बर मध्यप्रदेश का है।
मुख्य अतिथि महापौर कोठारी ने कहा कि पैसा कमाने से ही सम्मान नहीं मिलता है। प्रेरणा स्रोत वही होते हैं जो उसके लायक होते हैं। महात्मा गांधी के जरूरत के अनुसार कपड़े पहनने, लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर समस्त देशवासियों ने एक दिन का उपवास करना शुरू कर दिया। कहने के बाद लोगों ने देखा कि कह कौन रहा है?
राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र लुंकड़ ने बताया कि निंदा करना सबसे आसान काम है। हम यहां बैठकर गली से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति के कामकाज पर तक भी निंदा कर देंगे लेकिन जब उसमें सक्रिय योगदान देने की बात आएगी तो सब पीछे हट जाएंगे। संघटना ऐसा नहीं है। पैसे देकर आगे आकर बैठने वालों के लिए संघटना नहीं है। यहां रिसर्च बेस्ड काम होते हैं और जिसमें योग्यता आएगी, वह स्वतः आगे आएगा। लुंकड़ ने कहा कि पैसा कमाना बिल्कुल प्राथमिकता है लेकिन उसके बाद सम्मान कमाना भी आवश्यक है। आयोजन को आंदोलन का रूप् देना बीजेएस का काम है। समस्या के उपर सिर्फ बात नहीं करते बल्कि अपने शोध से उसका विकल्प देते हैं।
संघटना के प्रदेशाध्यक्ष सम्प्रति सिंघवी ने राज्य में चैप्टर के गठन की क्रमिक जानकारी देते हुए कहा कि मात्र एक वर्ष में राज्य में 14 सक्रिय चैप्टर खड़े करना सिर्फ और सिर्फ आप सभी के सहयोग से ही हो पाया है। एक वर्ष पहले मेरा सामाजिक आधार कुछ नहीं था लेकिन संघटना ने सम्पूर्ण प्रदेश में सामाजिक रूप् से एक पहचान दे दी है। उन्होंने उदयपुर के समाजसेवी शांतिलाल मारू को संघटना का संरक्षक बनाने की घोषणा की।
आयोजक उदयपुर चैैप्टर के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पारीख एवं महासचिव श्री लुंकड़ को यह विश्वास दिलाता हूं कि प्रदेशाध्यक्ष श्री सिंघवी के नेतृत्व में संघटना को जल्द से जल्द राज्य में नए आयाम मिलेंगे। बिजनेस टू बिजनेस, बिजनेस डवलपमेंट, एम्पावरमेंट गर्ल्स जैसे विभिन्न कार्यक्रम किए जाएंगे। शिवाजी की धरती से उठी हूक महाराणा प्रताप की धरती पर पहुंची है जिसकी गूंज देश भर में होगी।
कार्यक्रम में कमल संचेती ने प्लास्टिक सर्जरी विजन, रजनीश सिंघवी राजस्थान में बिजनेस डवलपमेंट, राज्य सचिव राज गोलेछा ने भी जानकारी दी। विभिन्न जिलों से आए सभी 14 चैप्टर के पदाधिकारियों ने अपनी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। आभार उदयपुर चैप्टर के सचिव अभिषेक संचेती ने व्यक्त किया। समारोह में किशनगढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद सहित राज्य के 14 जिलों के पदाधिकारी हिस्सा लिया।