उदयपुर। रोटरी क्लब मेवाड़ व सर्व धर्म मैत्री संघ की ओर से आयेाजित अन्तर विद्यालयी कविता प्रतियोगिता में बच्चों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया।
क्लब अध्यक्ष संदीप सिंघटवाडिया ने बताया इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यालयों के महिला मण्डल स्कूल के सय्याद मिस्बाह, द युनिवर्सल सीनियर सैकण्डरी स्कूल की नन्दिनी सिसोदिया, सेंट एन्थोनी हिरण मगरी की तनीषा इन्टोडिया, सेन्ट मेरीज तितरडी के वियोम भट्ट, सीनियर वर्ग में स्कोलर एरिना की विदूषी जैन, द युनिवर्सल सीनियर सैकण्डरी स्कूल की घनिष्ठा औदिच्य, सीडलिंग स्कूल की नंदिका पालीवाल, सेंट मेरिज तितरडी शैली भट्ट, सेंट पाल के आयुष नागर क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार के विजेता के रूप में विजयी रहें।
मैत्री संघ संचालक फादर नोर्बट ने बताया गत 9 वर्षो से आयोजित की जा रही अन्तरविद्यालयी प्रतियोगिताओं में अब तक दस हजार से अधिक बच्चे भाग ले चुके हैं। सभी विजयी बच्चों को और भाग लेने वाले बच्चों को भी सम्मान पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता हैं।
रोटरी मेवाड़ सचिव मनीष गन्ना ने बताया आज की प्रतियोगिता में रियान इंटरनेशनल, स्कोलर एरिना, संत तरेसा पुष्पगिरी, सेंट एन्थोनी गोवर्धन विलास, सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल, महाराणा मेवाड पब्लिक स्कूल, स्टेप बाई स्टेप, द विजन, सेंट मेरिज तितरडी, सेन्ट एन्थोनी, हिरण मगरी, महिला मण्डल, सब्जी मार्केट, सीडलिंग स्कूल, सेंट पाल, महाराणा मेवाड़ विद्या मन्दिर, सेन्ट्रल ऐकेडमी, आदि विद्यालयों के बच्चों ने प्रतियोगिता में भाग लिया।
महिला मैत्री संघ सचिव प्रमिला फर्नाडिज ने बताया सेन्ट पाल विद्यालय में आयोजित प्रतियोगिता के निर्णायकगण में शिवदान राणावत, स्वाति जैन और मनीष गन्ना थे। अगली प्रतियोगिता 6 अगस्त को चित्रकला प्रतियोगिता रियान इंटरनेशनल में रखी गई हैं। पीटी ऊषा, मेरीकोम, पहले तो कन्याऐं ही थी, स्त्री शक्ति बनकर, दुनिया में स्वर्ण परियां बनती हैं। शुभम् सनाढ्य की इस कविता में जोरदार तालियां बटोरी। नारी के सौ रूप हैं, कभी लक्ष्मी बनकर तो धन बरसाए, कभी सरस्वती बनकर ज्ञान कि जमुना बहाए, कभी पार्वती जैसी संस्कारी अर्धाग्ंनी बन जाये तो कभी दुर्गा बनकर पापों को मिटाए। घनिष्ठा औदिच्य – द युनिवर्सल की कन्या ने प्रतियोगिता में माहौल को बड़ा मार्मिक बना दिया। नंदिनी सिसोदिया ने बालश्रम पर जैसे ही इस कविता को सुनाया, वहाँ उपस्थित बच्चों और अतिथियों की आंखों से अश्रु झलक पड़े।