उदयपुर। भाजपा सरकार एवं जिला प्रशासन उदयपुर को स्मार्ट सिटी गरीबों की लाशों पर बनाना चाहता है, जो हमें मंजूर नहीं और इस दमन की नीति का मूंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यह विचार आवास अधिकार संघर्ष मंच के महासचिव एवं पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने सिटी रेल्वे स्टेशन के सामने स्थिति कच्ची बस्ती के लोगों को नगर विकास प्रन्यास द्वारा उन्हें 22 अगस्त तक मकानों के कब्जे खाली करने के नोटिस मिलने पर जिला कलेक्ट्री पर इसके विरोध में आयोजित सभा में व्यक्त किए।
सिंघवी ने कहा कि उदयपुर के प्रशासनिक अधिकारी सत्ताधारी नेताओं के समर्थन से सत्ता के नशे में इतने चूर हो गये हैं कि उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करने में भी कोई संकोच नहीं हो रहा। सिंघवी ने यह भी कहा कि सिटी रेल्वे स्टेशन के सामने स्थित कच्ची बस्ती का क्षेत्र नगर निगम के अन्तर्गत आता है, लेकिन उसके बावजूद भी नगर विकास प्रन्यास उदयपुर द्वारा यहां के लोगों को उनके मकान से बेदखल करने का नोटिस जारी करना उनका मानसिक दिवालियापन है।
सभा को मंच के अध्यक्ष मोहनलाल खोखावत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हिन्दू हिन्दू भाई भाई का नारा लगा गरीबों से वोट लेने वालों के राज में दलितों पर अन्याय की वारदातें लगातार बढ़ी है और अब दलित भी समझने लगा है कि भाजपा ने उन्हें मात्र वोट लेकर सत्ता पाने के लिए ही इस्तेमाल किया है।
सभा को हीरालाल सालवी, गुमान सिंह राव, केआर सिद्दीकी ने भी सम्बोधित किया। सभा के बाद मोहनलाल खोखावत के नेतृत्व में अति. जिला कलक्टर, नगर विकास प्रन्यास उदयपुर के सचिव एवं संभागीय आयुक्त को ज्ञापन देकर नगर विकास प्रन्यास उदयपुर द्वारा दिये गये नोटिस को निरस्त करने की मांग की।
सिंघवी ने बताया कि सुबह सैकड़ों लोग हाथों में लाल झण्डे लिए हुए रेल्वे स्टेशन के सामने से ही पैदल जुलूस के रूप में नारे लगाते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे और उसके पश्चात् संभागीय आयुक्त कार्यालय होते हुए नगर विकास प्रन्यास उदयपुर पहुंचे, जहां उन्होंने जोरदार प्रदर्शन करते हुए नारे लगाए कि जमीन अपने आप की, नहीं किसी के बाप की, हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते इंकलाब जिन्दाबाद आदि। नगर विकास प्रन्यास उदयपुर के सचिव रामनिवास मेहता ने प्रतिनिधि मण्डल को विश्वास दिलाया कि वे कानून की पालना करते हुए कानून के विपरीत कोई कार्यवाही नहीं करेंगे।