तेरापंथ युवक परिषद के साझे में हुई अभिनव अन्त्याक्षरी में दिखाया उत्साह
अभिनव सामायिकी में देश भर में एक लाख से अधिक सामायिक
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के पर्यूषण के तहत अध्यात्म सप्ताह में चौथे दिन वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम का आगाज कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ। सुबह साध्वी कीर्तिलता की प्रेरणा से चंदनबाला के तैले के पारणे हुए। सभी तपस्वियों को सूत के धागे से बांधकर बाकुले का दान देने का संक्षिप्त दृश्य भी प्रस्तुत किया गया।
साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 ने कहा कि माया दुखों की जननी है। दुर्भाग्य एवं दुर्गति को बढ़ाने वाली है। यदि किसी को नाग काट ले तो वह बच सकता है लेकिन नागिन यदि किसी को काटे तो उसका कोई उपचार नहीं होता, माया वैसी ही है। मायावी व्यक्ति घर में कुटुम्बियों को, दुकानों में ग्राहकों को, स्कूल में अध्यापकों को और उपाश्रय में धर्मगुरुओं को छलती है। तिर्यंच गति में जाने के चार कारणों में एक माया को बताते हुए उन्होंने कहा कि माया जन्म जन्मान्तरों को बिगाड़ती है। अतः सरल बनना जरूरी है। पर्यूषण हमें सरल बनने की प्रेरणा देता है। उन्होंने भगवान महावीर के 27 भवों की चर्चा करते हुए कहा कि तपस्या से देवी-देवताओं को भी धरती पर बुलाया जा सकता है।
साध्वी पूनमप्रभा ने तीन तरह के व्यक्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि जो बोलने से पहले सोचता है वह उच्च कोटि का, बोलने के बाद सोचने वाला मध्यम एवं न बोलने से पहले और न बाद में सोचता है, वह निम्न कोटि का व्यक्ति है। महिला मंडल की महिलाओं द्वारा चंदनबाला का हूबहू चित्रण प्रस्तुत किया। नमस्कार महामंत्र का अखण्ड जाप भी चल रहा है।
एक लाख से अधिक सामायिक: तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राकेश नाहर ने बताया कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में सामायिकी दिवस पर देश भर में आचार्य प्रवर के निर्देशानुसार एक लाख से अधिक सामायिक की गई। इसमें उदयपुर में साध्वी कीर्तिलता के सान्निध्य में 2013 सामायिक की गई।
रात्रिकालीन स्पर्धाएं : तेरापंथ युवक परिषद के सचिव राजकुमार कच्छारा ने बताया कि पर्यूषण कार्यक्रम संयोजक दीपक सिंघवी के नेतृत्व में रात्रिकालीन स्पर्धाएं नियमित हो रही हैं। गत रात्रि अभिनव अन्त्याक्षरी का आयोजन हुआ। इसमें छह राउण्ड में हुई स्पर्धा में 14 ग्रुपों ने भाग लिया। धार्मिक भक्ति गीतों आधारित अन्त्याक्षरी में मीना नांदेचा ग्रुप, दीपक मेहता ग्रुप एवं कविता ग्रुप क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। मंगलाचरण रवि बोहरा व राकेश चपलोत ने किया।