उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल के सर्जरी विभाग की ओर से सर्जिकल सेफ्टी विषय पर आयोजित वर्कशॉप में डॉ. केसी व्यास ने कहा कि भारत में ऑपरेशन के दौरान 20 फीसदी मरीज किसी न किसी तरह इन्फेक्षन से ग्रसित हो जाते है जबकि यूके एवं यूएसए जैसे देशों में यह 2 फीसदी है जो न के बराबर है।
डॉ.व्यास ने नर्सिग कर्मियों एवं जूनियर रेजीडेन्ट को ऑपरेशन के दौरान मरीज की सुरक्षा के लिए क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए के बारे में विस्तार से बताया जिससे कि इन्फेक्श न का खतरा न हो। उन्होने कहा कि कई बार डॉक्टर या नर्सिग कर्मियों की लापरवाही से ऑपरेशन के दौरान कैंची, सुई या बेन्डेज जैसी चीजें मरीज के शरीर में रह जाती है, जिसके चलते कई बार मरीज की मौत भी हो सकती है या दोबारा ऑपरेशन की पीड़ा को झेलना पडता है। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर का मरीज एवं उसके रिश्तेबदारों तथा नर्सिंगकर्मी के बीच संवाद जरूरी है। अगर इन छोटी-छोटी बातों का नर्सिगकर्मी और डॉक्टर ध्यान रखें तो इस तरह की लापरवाही के साथ साथ मरीज को होने वाले इन्फेक्शकन के खतरे से बचाया जा सकता है। इस वर्कशॉप में सर्जरी विभाग के डॉ. बीएम सोनी एवं डॉ. गौरव वधावन ने नर्सिंग कर्मियों एवं जूनियर रेजीडेन्ट को ऑपरेशन के दौरान मरीज की सुरक्षा के लिए क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए जिससे कि इन्फेक्शरन का खतरा न हो जैसी सूक्ष्म बारीकियों के बारे में बताया। पेसिफिक मेडिकल विश्वरविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. डीपी अग्रवाल, डॉ. एमसी बंसल, डॉ. अरूणा सोलंकी, डॉ. एसएस गुप्ता सहित 100 से ज्यादा नर्सिगकर्मी एवं जूनियर रेजीडेन्ट डॉक्टर उपस्थित थे।