मासखमण की तपस्या पर रानू चौधरी का अभिनंदन
उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ में इस वर्ष साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 के सान्निध्य में दो मासखमण की तपस्या हुई है। इसके तहत श्रावक-श्राविकाएं 27 और 31 दिन तक बिल्कुल निराहार रहते हैं। रविवार को रानू (प्रीति) चौधरी के 27 दिन तक निराहार रहकर मासखमण की तपस्या करने पर उनका भव्य अभिनंदन किया गया। दो दिन पूर्व रमेश सिंघवी के 31 उपवास की तपस्या पर मासखमण करने पर अभिनंदन किया गया था।
साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 ने कहा कि जिस तरह इंजन अग्नि एवं पानी दोनों के योग से आगे बढ़ता है, ठीक उसी प्रकार आत्मा भी तपरूपी अग्नि एवं शक्ति रूपी पानी से विकास करती है। खेतों में पशु पक्षियों से खेत की सुरक्षा के लिए बाड़ लगाई जाती है इसी प्रकार आत्मा की रक्षा के लिए तप रूपी बाड़ लगाई जाती है। रानू ने इतनी लम्बी तपस्या की है, वे बधाई के पात्र हैं। उनकी तपस्या न सिर्फ तेरापंथ समाज उदयपुर बल्कि समस्त महिला शक्ति के लिए भी प्रतीक हैं कि प्रत्येक व्यक्ति में अनंत शक्ति होती है। जरूरत उस शक्ति को पहचानने की है।
साध्वी शांतिलता ने कहा कि इससे संसार की नश्वरता का बोध होता है। रोक, शोक, व्यथा आदि का शमन होता है। साध्वी पूनमप्रभा ने कहा कि आत्मा की समृद्धि के लिए तपस्या रूपी पॉलिश की है। साध्वी श्रेष्ठप्रभा ने संचालन करते हुए कहा कि सामाजिक बुराइयों को दूर करने में सहयोग करें। बड़ी तपस्या नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं लेकिन छोटी छोटी तपस्या ही कर सकते हैं।
निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि रानू ने पर्यूषण से पूर्व अठाई तप के लिए अपने बेटे वैभव का साथ देने के लिए तपस्या की। रानू की माताजी ने भी अठाई की तपस्या की। बेटे और मां ने तो अठाई पूरी कर ली लेकिन रानू मासखमण की ओर चल पड़ी और आज वह तप भी पूरा हो गया। उन्होंने रानू चौधरी के लिए आए साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा श्रीजी के संदेश का वाचन भी किया।
तेरापंथी सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने समस्त तेरापंथ समाज की ओर से रानू के तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि पिछले लगातार 10 वर्षों में सिर्फ एक बार मासखमण नहीं हुआ था जो इस वर्ष दो होकर क्रम पूरा कर दिया है।
तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राकेश नाहर ने कहा कि तपस्या से मानसिक और शारीरिक दोषों का नाश होता है। जिस समता और त्याग से तपस्या की है, वह निस्संदेह अनुकरणीय है। महिला मंडल मंत्री लक्ष्मी कोठारी ने कहा कि तपस्वी ने अपने मासखमण की तपस्या साध्वी श्री कीर्तिलता को अर्पित की है। तप से कर्मों की निर्जरा होती है। तप सभी के लिए खुशियां लेकर आता है। समारोह में रानू के परिजनों में मंजू चौधरी, रंजना, नवनीत सामर, कन्हैयालाल चोरडिया, सूरजमल इंटोदिया, वैभव चौधरी, बजरंग श्यामसुखा एंड पार्टी आदि ने सुमधुर गीतिकाएं व मुक्तक प्रस्तुत किए वहीं ज्ञानशाला की बालिकाओं ने नाटिका प्रस्तुत की। मंगलाचरण मीना नांदरेचा एवं समूह ने किया। आभार सभा मंत्री राजेन्द्र बाबेल ने व्यक्त किया।