– निगम देगा दस प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी, सरकार को भेजा प्रस्ताव
– रूफटॉप सोलर पर फोर्टी का सेमिनार
उदयपुर। नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनने के लिए सिटी में सोलर एनर्जी का उपयोग होना भी आवश्यक है। हालांकि यह उपयोग 10 प्रतिशत है लेकिन हम इसे 15 प्रतिशत तक मेंटेन करने का प्रयास कर रहे हैं।
वे शुक्रवार को फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री की ओर से राजस्थान सोलर एनर्जी एसोसिएशन एवं उदयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तत्वावधान में सोलर एनर्जी पर लेकसिटी मॉल स्थित होटल रेडिसन ग्रीन में आयोजित सेमिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
सिहाग ने कहा कि पांच किलोवॉट तक की क्षमता के सोलर प्लांट के लिए नगर निगम ने मिलने वाली तीस प्रतिशत के अतिरिक्त दस प्रतिशत सब्सिडी और देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। स्मार्ट सिटी में सोलर प्लांट्स के लिए साइट्स देखी जा रही है। नेटमीटर लगाते हैं तो आठ हजार रुपए का रिएम्बर्समेंट भी उपयोगकर्ता को नगर निगम से वापस मिलेगा। उन्होंने शहर में सोलर एनर्जी के उपयोग को बढ़ाने के लिए जागरूकता के लिए कैम्प लगाने की बात कही।
इससे पूर्व नेशनल सोलर एनर्जी फैडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रणव मेहता ने कहा कि 2008-09 में सोलर एनर्जी के मामले में हम शून्य पर थे जो आज 8062 मेगावॉट पर पहुुंच चुके हैं। पहले कहीं नम्बर नहीं था लेकिन अब विश्व में प्रथम दस देशों में हमारा आठवां नम्बर है। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। हमारी उम्मीद है कि इसी गति से चले तो अगले 3 वर्ष में हम चौथे स्थान पर होंगे। केन्द्र सरकार ने भी 5000 करोड़ रूप्ए का बजट प्रावधान किया है। विश्व भर में रेजिडेन्शियल प्रपोर्शन बढ़ेगा। रूफटॉप को इम्प्लीमेंट करने में हम चौथे नम्बर पर हैं।
सेकी (भारतीय सौर उर्जा निगम) के राकेश कुमार ने कहा कि उदयपुर से सूर्याेदयपुर का अभियान चलाया जाना चाहिए। अब तक रूफटॉप के राज्य में 400 इंस्टालेशन हो चुके हैं। सोलर के लिए राज्य में बहुत पोटेंशियल है। राज्य सरकार से 25 गीगावॉट का एक एमओयू भी हुआ है। वर्तमान में 7 करोड़ रूप्ए प्रति मेगावॉट की दर आ रही है जो करीब 5.74 रूप्ए पड़ती हैं। इसमें रिन्यूएबल एनर्जी, वेस्ट टू एनर्जी, एनर्जी एफिशिएंसी, वाटर हीटिंग, स्ट्रीट लाइटिंग आदि की जा सकती है।
राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष बीके दोशी ने कहा कि रूफटॉप जरूरी नहीं कि छत पर ही लगे, ग्राउंड पर भी लगाए जा सकते हैं। अब इंडस्ट्रीयल सेक्टर को सब्सिडी बंद कर दी गई है लेकिन डोमेस्टिक, हॉस्पिटल्स, इंस्टीट्यूशंस को सब्सिडी दी जा रही है।
एके जैन ने कहा कि उदयपुर में सोलर सम्बन्धित काफी काम हुए हैं लेकिन मेन्टेनेंस सम्बन्धी काफी समस्याएं हैं जिनसे जुड़कर काफी काम किया जा सकता है।
फोर्टी के संभागीय अध्यक्ष प्रवीण सुथार ने स्वागत उद्बोधन में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सोलर एनर्जी को लेकर उदयपुर के उद्यमियों में काफी उत्साह है। काफी समय से इंडस्ट्रीयलिस्ट की मांग थी कि सोलर एनर्जी को लेकर कुछ जानकारी चाहिए। इस पर फोर्टी उदयपुर ने यह कदम उठाया और सेमिनार का आयोजन किया। निश्चय ही उदयपुर के उद्यमियों को इस सेमिनार से काफी लाभ होगा।
चेयरमैन (इंवेट्स) डॉ. हिमांशु गुप्ता ने बताया कि उद्घाटन सत्र के बाद हुए तकनीकी सत्रों में सरकार के इनिशियेटिव एवं इम्प्लीमेंट्स, सोलर रूफ टॉप प्रोजेक्ट्स पर पैनल डिस्कशन तथा बैंक फाइनेंसिंग, एन्टरप्रेन्योरशिप, स्किल डवलपमेंट एवं इनोवेटिव प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग पर चर्चा हुई।
सेमिनार संयोजक हेमंत जैन ने बताया कि कार्यक्रम में राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमन कुमार ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए राजस्थान के संदर्भ में सोलर एनर्जी की उपयोगिता अंकित करते हुए काफी आवश्यक बताई।
समारोह में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की कीर्ति राठौड़, फोर्टी महासचिव पलाश वैश्य, हिमांशु पानेरी, इंद्र कुमार सुथार, अरूण सुथार सहित शहर के जाने माने उद्यमी भी मौजूद थीं।