हिन्द जिंक के छमाही वित्तीय परिणामों की घोषणा
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने बुधवार को मुम्बई में आयोजित अपनी निदेशक मण्डल की बैठक में 30 सितम्बर को समाप्त छःमाही व दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। वित्तीय वर्ष 2017 की दूसरी तिमाही में खनित धातु का उत्पादन पिछली तिमाही की तुलना में 51 प्रतिशत अधिक हुआ है। दूसरी तिमाही में उत्पादन में वृद्धि पिछली तिमाही की तुलना में रामपुरा आगुचा ओपन कास्ट में अयस्क में सकारात्मक उत्पादन के परिणामस्वरूप हुआ है।
हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन अग्निवेश अग्रवाल ने कहा कि पिछली तिमाही की तुलना में लगातार धातु की कीमतों में 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सुदृढ़ एवं सकारात्मक प्रदर्शन रहा है। अनुकूल बाजार और कंपनी की भूमिगत खदान की प्रचालन क्षमता एवं लागत नियंत्रण पर रणनीति से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारत की श्रेष्ठ 25 क्लब में कंपनी का प्रवेश हुआ है। वित्तीय वर्ष की छमाही में खनित धातु का उत्पादन 318,000 मैट्रीक टन हुआ। जो कंपनी की गतवर्ष की इसी समान अवधि में उत्पादन 472000 मैट्रीक टन की योजना के अनुसार है। जबकि इस तिमाही में रामपुरा आगुचा खदान की भूमिगत खदान के विस्तार से उत्पादन 83 प्रतिशत अधिक हुआ है।
एकीकृत रिफाइन्ड जस्ता धातु 149000 मैट्रीक टन उत्पादन हुआ। वित्तीय वर्ष 2017 की छमाही में एकीकृत जस्ता धातु उत्पादन में गतवर्ष की तुलना में सुधार कंपनी के प्रचालनों के सुचाररूप से संचालन के कारण रहा है। एकीकृत बिक्री योग्य सीसा धातु उत्पादन 31000 मैट्रीक टन तथा चांदी धातु 107 मैट्रीक टन हुआ। वित्तीय वर्ष 2017 की दूसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने 3820 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित किया। दूसरी तिमाही में कंपनी ने 1902 करोड़ रु. का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। सिन्देसर खुर्द खदान में मेन शाफ्ट का कार्य पूरा हो गया है तथा खदान की गहराई तक ले जाने के लिए प्रक्रिया का कार्य इस तिमाही में प्रारंभ कर दिया गया है। खदान विकास एवं विस्तार कार्य के तहत ऊर्जा विकास परियोजना का कार्य प्रगति पर है। जावर मील का डी-बोटलनेकिंग के साथ ऊर्जा उत्पादन एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना का कार्य प्रगति पर है तथा वर्ष के अंत तक पूर्ण हो जाएगा तथा कायड़ खदान का विस्तार कार्य से, 1 मिलियन टन उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। सिक्यूरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इण्डिया (सेबी) गाइडलाईन के अनुसार कम्पनी के निदेशक मण्डल ने कम्पनी की लाभांश पॉलिसी जो कि कंपनी के शुद्ध लाभ का कम से कम 30 प्रतिशत या कुल सम्पति का 5 प्रतिशत जो भी अधिक हो, को अनुमोदित किया है।