हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम-2016
उदयपुर। कलाकार की कल्पना को कोई नहीं आंक सकता। किसी विषय को कलाकार की कूंची कितनी गहराई तक माप सकती है। यह प्रत्यक्ष उदाहरण यहां देवेन्द्र धाम में चल रहे शडांग कला षिविर में उभर कर आया।
चार दिवसीय शिविर में कलाकारों ने भारतीय सनातन संस्कृति के छह सिद्धांतों पर आधारित उनकी कल्पना कैनवास पर उतारी। शिविर में 35 समसामयिक तथा 11 परम्परागत कलाकार षामिल हुए। इन सभी कलाकारों की कृतियों की प्रदर्शनी 10 से 13 नवम्बर तक होने वाले हिन्दू अध्यात्म सेवा संगम में लगाई जाएगी।
हिन्दू अध्यात्म सेवा संगम के तहत संस्कार भारती उदयपुर के बैनर तले मंगलम् आर्ट्स व एमबी रावत चेरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से हुए इस षिविर के समापन समारोह के मुख्य अतिथि संस्कार भारती के राष्ट्रीयय महामंत्री डॉ. रवीन्द्र भारती, सम्मानित अतिथि पेसिफिक विष्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा थे। अध्यक्षता सेवा संगम उदयपुर चेप्टर के अध्यक्ष वीरेन्द्र डांगी ने की। श्या्म रावत, नरेन्द्र सिंह चिंटू व हेमंत जोषी ने सभी का स्वागत किया। समापन के मौके पर अन्नकूट महोत्सव का भी आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह कला षिविर नवम्बर में होने वाले हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम की प्री-फेयर एक्टीविटीज के तहत संगम की छह थीम पर आधारित था। इन छह थीम में वनों का संरक्षण एवं वन्यजीवों का संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिकीय संरक्षण, मानवीय और पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देना, नारी सम्मान को प्रोत्साहन, देशभक्ति का भाव जगाना शामिल हैं।