उदयपुर. सोसाइटी फॉर माइक्रोवाइटा रिसर्च एंड इंटीग्रेटेड मेडिसिन, उदयपुर की सचिव डॉ. वर्तिका जैन को लखनऊ की सोसाइटी ऑफ़ इथनोबोटनिस्ट द्वारा प्रो. प्रियव्रत सेनसरमा मेडल अवार्ड 2015-16 देकर सम्मानित किया गया है.
यह सम्मान उनके द्वारा विभिन्न पुराणों में वर्णित पौधों की वर्गिकी, पादप-भूगोल, और वर्तमान लोक-वानस्पतिक उपयोगिताओं पर लिखे गए शोध पत्रों तथा पवित्र पौधों मुख्यतया सेमल वृक्ष पर किये गए लोक-सांस्कृतिक, पादप-रसायन और औषधीय गुणों पर किये गए शोध और सरंक्षण के लिए मंगलवार को लखनऊ के सी.एस. आई.आर. – ऍन. बी. आर. आई. संस्थान में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में दिया गया. इस अवसर पर ऍन. बी. आर. आई. संस्थान के वर्तमान निदेशक डॉ. एस. के. बारिक द्वारा डॉ. वर्तिका और डॉ. एस. के. जैन द्वारा लिखी गयी पुस्तक “कंपेनडियम ऑफ़ इंडियन फोक मेडिसिन एंड एथनोबॉटनी (१९९१-२०१५)” का विमोचन भी किया गया जिसमें सम्पूर्ण भारत में विविध जनजातियों द्वारा विगत पच्चीस वर्षों से विभिन्न उपयोग में लिए जा रहे ४६०० से भी अधिक पादप प्रजातियों का वर्णन है.
डॉ. वर्तिका के 50 से अधिक शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्टीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं. इसके साथ ही वनस्पति विज्ञान के विविध विषयों से सम्बंधित ४० आलेख देश की नामी पत्रिकाओं में छपे हैं और 25 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्टीय सम्मेलनों में पत्र वाचन किया है. वर्तमान में डॉ. वर्तिका, राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं.